________________ गंधव्वगीय-वाइयकल-काहलसेलमुहलियदियंतो / तित्थुन्नई कुणंतो, वज्जइ जिणमंदिरदुवारं . . // 184 // जिणदिट्ठिगोयरगओ, ससंभमं वाहणा समोयरइ / मुंचइ य वाहणाई, राया उण रायककुहाई // 185 // तंबोलं कुसुमाइं, वोसिरइ करेइ उत्तरासंगं / तो अहिगयगाहाए, अत्थो अवयरइ एत्ताहे // 186 // वच्चइ दुवारनियडं, काऊण य पाणिसंपुडं सीसे / अद्धावणयपणामं, करेइ रोमंचियसरीरो , // 187 // . पविसंतो चेव बलाणयम्मि. कुज्जा निसीहिया तिन्नि / . घरवावारं सव्वं, इन्हि न काहामि भावेतो // 188 // अद्धावणयपणामं, तत्तो काऊण भुवणनाहस्स / पंचगं वा काउं, भत्तिब्भरनिब्भरमणेणं / // 189 // पूयंगपाणिपरिवारपरिगओ गहिरमहुरघोसेण / पढमाणो जिणगुणगणनिबद्धमंगल वित्ताई करधरियजोगमुद्दो, पए पए पाणिरक्खणाउत्तो / . देज्जा पयाहिणतिगं, एगग्गमणो जिणगुणेसु // 191 // गिहिचेइएसु न घडइ, इयरेसु वि जइ वि कारणवसेणं / तह वि न मुंचइ मइमं, सया वि तक्करणपरिणामं // 192 / / तत्तो निसीहियाए, पविसित्ता मंडवम्मि जिणपुरओ। महिनिहियजाणुपाणी, करेइ विहिणा पणामतियं तयणु हरिसुल्लसंतो, कयमुहकोसो जिणेदपडिमाणं / अवणेइ रयणिवसियं, निम्मल्लं लोमहत्थेणं // 194 // जिणगिहपमज्जणं तो, करेइ कारेइ वा वि अन्नेण / जिणबिंबाणं पूअं, करेइ तत्तो जहाजोगं // 195 // . // 190 // 193 // 68