________________ ता एसो परमत्थो, सहावविमलाण जिणवरचिईणं / ण्हाणजलं अन्नोन्नं, लग्गं न हु कुणइ तं दोसं . // 88 // निम्मलं पि न एवं, भन्नइ निम्मल्ललक्खणाऽभावा / भोगविणटुं दव्वं, निम्मल्लं बिति गीयत्था // 89 // एत्तो च्चिय एगाए, कासाईए जिणेदपडिमाणं / . अट्ठसयं लूहंता, विजयाई वन्निआ समए भत्तिब्भरनिब्भरमाणसेहिँ सव्वायरेण कीरंतं / सुहफलयं जिणमज्जणमासायणलक्खणाभावा // 91 // जइ पडिबिंबनिमित्ता, हुंता आसायणा तओ कीस / . जक्खपडिमाइरूवो, परिवारो आगमे सिट्ठो ? // 92 // कह वा तित्थयरोवरि, कीरइ मालाधराइपरिवारो ? / न य सो निन्हवियव्वो, सोहानासाइदोसाओ // 93 // जिणजलसंगनिवारणपरियरनीरं कहं तु रक्खेसि ? / न्हवणे वा तं न कुणसि करेंसि उज्जालणे नियमा // 94 // अह तं न करेसि तुम, चिइमालिनं उवेहमाणस्स / महती तओ अवन्ना, तओ वि आसायणा नऽन्ना // 95 // लोयकरणेण पीडं, उप्पायंतो वि सुद्धपरिणामो / जह सुद्धमणो समणो, होइ दढं निज्जराभागी ___ // 96 // जह वा कुसलो विज्जो, लंघण-कडुगोसहाइदाणेणं / विहियारोग्गो पावइ, इच्छियमत्थं च कित्तिं च // 97 // एवं सुहभावजुअं, पहाणं उज्जालणं च पडिमाणं / . भत्तीए कीरंतं, कम्मक्खयकारणं चेव // 98 // आहरणं पुण एत्थं, वीरजिणिंदस्स कन्नसल्लाई। अवणेत्तु सुहं पत्ता, सिद्धत्थवणी-खरयवेज्जा / // 99 // so