________________ // 4 // जम्मुहमहद्दहाओ, दुवालसंगी महानई वूढा / ते गणहरकुलगिरिणो, सव्वे वंदामि भावेण नमिउण समणसंघ, संघायारं समासओ वुच्छं / चेइयवंदणविसयं, सुत्तायरणाऽणुसारेणं // 5 // संघो महाणुभावो, अमरिंद-णरिंदवंदिओ एसो / तित्थयरेहि वि नियमा, पणमिज्जइ देसणारंभे ता एयसमायारो, कित्तिज्जंतो वि कुणइ कल्लाणं / पोसेइ पुनमउलं, वायगगंथे जओ भणियं // 7 // जे तित्थयरपणीया, भावा तयणंतरेहि परिकहिआ / बहुसो वि तेसि परिकित्तणेण पुन्नं लहइ पु४ि // 8 // अइगरुयभत्तिबहुमाणचोइओ मंदबुद्धिबोहत्थं / सूरिपरंपरपत्तं, कित्तेमि अहं पि तं तत्तो // 9 // अहिगारिणा उ काले, कायव्वा वंदणा जिणाईणं / दंसणसुद्धिनिमित्तं, कम्मकखयमिच्छमाणेण संघेगयरो जीवो, अहिगारी वंदणाएँ तत्तेणं / कालो य तिन्नि संझा, सामनेणेत्थ विनेओ // 11 // भावजिणप्पमुहाणं, सव्वेसिं चेव वंदणा जइ वि / जिणचेइयाण पुरओ, कीरइ चिइवंदणा तेण // 12 // जिणबिंबाभावे पुण, ठवणा गुरुसखिया वि कीरंती / चिइवंदण च्चिय इमा, नायव्वा निउणबुद्धीहिं // 13 // अहवा जत्थ वि तत्थ वि, पुरओ परिकप्पिऊण जिणबिंबं / कीरइ बुहेहिँ एसा, नेया चिइवंदणा तम्हा // 14 // तीसे करणविहाणं, नज्जइ सुत्ताणुसारओ कि पि / . संविग्गायरणाओ, किंची उभयं पि तं भणिमो // 15 // 43