________________ घयगुडदीवो सुकुमा-रियाजुओ चउजवारया दिसिसु / बिंबपुरओ ठवेज्जा, पूयाण बलिं तओ देज्जा . // 17 // आरत्तियमंगलदीवयं च, उत्तारिऊण जिंणनाहं / वंदेज्जऽहिवासणदेव-याए उस्सग्गथुइदाणं // 18 // अह जिणपंचंगेसु, ठावेइ गुरू थिरीकरणमंतं / / वारा उ तिन्नि पंच व, सत्त व अच्चतमपमत्तो मयणहले आरोवइ, अहिवासणमंतनासमवि कुणइ / झायइ य तयं बिंबं, सजियं व जहा फुडं होइ // 20 // एवमधिवासियं तं, बिंबं छाएज्ज सदसवत्थेण / चंदणछडुब्भडेणं, तदुवरि पुप्फाई वि खिविज्जा // 21 // हावेज्ज सत्तधन्नेण, तयणु जीवंतउभयपक्खाहिं / / नारीहिं चउहिं समलं-कियाहिं विज्जंतनाहाहिं // 22 // पडिपुन्नचत्तसुत्तेण, वेढणं चउगुणं च काऊणं / ओमिणणं कारेज्जा, तुट्ठाहिं हिरन्नदाणजुयं ... // 23 // तो वंदेज्जा देवे, पइट्ठदेवीए काउ उस्सग्गं / / / दिज्ज थुई तीए चिय, ठवेज्ज पुरओ य घयपत्तं // 24 // सोवन्नवट्टियाए, कुज्जा महुसक्कराहिं भरियाए / कणगसलागाए बिंब-नयणउम्मीलणं लग्गे // 25 // सम्मं पइट्ठमंतेण, अंगसंधीसु अक्खरन्नासं / कुणमाणो एगमणो, सूरी वासे खिवेज्ज तहा // 26 // पुप्फक्खयंजलीहिं, तो गुरुणा घोसणा ससंघेण / थेज्जत्थं कायव्वा, मंगलसद्देहिं बिंबस्स // 27 // जह सिद्धिमेरुकुल-पव्वयाण पंचत्थिकायकालाणं / . इह सासया पइट्ठा, सुपइट्ठा होउ तह एसा // 28 // 50