________________ जह, इह, दव्व-थयाओ भावा-ऽऽवय-कप्प-गुण-जुआउ [सेओ] / जयणाए पिडुवगारो जिण-भवण-कारणाऽऽई उ [द्" त्ति] न विरुद्ध सइ सव्वत्था 5-भावे जिणाणं, भावा-ऽऽवयाए जीवाणं / तेसि नित्थरण-गुणं णियमेण इहं तदा-ऽऽययणं // 139 // तबिंबस्स पइट्ठा, साहु-णिवासो अ, देसणा-ऽऽइ अ / इक्विक भावा-ऽऽवय-नित्थरण-गुणं तु भव्वाणं // 140 // पीडा-गरी वि एवं एत्थ पुढवा-ऽऽइ-हिंस-जुत्ताओ / अण्णेसिं गुण-साहण-जोगाओ दीसइ इहं तु [हेव] // 141 // आरंभवओ य इमा आरंभ-ऽतर-निव्वित्तिआ पायं / एवं वि हु अ-णियाणा इट्ठा, एसा वि मुक्ख-फला // 142 // ता एयम्मि [एईए] अ-हम्मो णो, इह जुत्तं पि विज्ज-णायमिणं / हंदि गुणांतर-भावा इहरा, विज्जस्स वि अ-धम्मो // 143 // ण य वेय-गया चेवं सम्मं, आवय-गुण-ऽनिया एसा / ण य दिट्ठ-गुणा, तज्जुय-लय-5 तर-णिव्वि त्ति-आ नेव // 144 // "ण य फलुद्देस-पवित्तिओ इयं मोक्ख-साहगा वि" त्ति / मोक्ख-फलं च सु-वयणं, सेसं अत्था-ऽऽइ-वयण समं // 145 / / "अग्गी मा एआओ एंणाओ मुंचउ" ति य सुई वि / तप्पाव-फला "अंधे तमसि" इच्चा-ऽऽइ य सई वि // 146 // अस्थि जओ, ण य "एसा अण्ण-ऽत्था" [तीरइ]सक्कए इहं भणिउ / अ-विणिच्छया ण येवं इह सुव्वए पाव-वयणं तु // 147 // परिणामे य [म-सु]सुहं णो तेसिं इच्छिज्जइ, ण य सुहं पि / मंदा-इ-वत्थ-कय-समं ता तमुवण्णास-मित्तं तु // 148 // इय दिटेट-विरुद्धं जं वयणं, एरिसा. पवत्तस्स / / मिच्छा-ऽऽइ-भाव-तुल्लो सुह-भावो हंदि विण्णेयो // 149 // . . . . . . 43