________________ जम्हा उ अभिस्संगो जीवं दूसहे णियमओ चेव / तद्-दूसियस्स जोगो विस-घारिय-जोग-तुल्लो उ // 43 // जइणो अ-दूसियस्स हेयाओ सव्वहा णियत्तस्स / सुद्धो अ उवादेए, अकलंको सव्वहा सो उ // 44 // असुह-तरंडुत्तरण-प्पाओ दव्व-त्थओ ऽसमत्थो य / इयरो पुण णईमा-ऽऽइसु समत्थ[त्त]-बाहूत्तरण-कप्पो // 45 // कडुओ[अ-ओ] सहा-ऽऽइ-जोगा मंथर-रोग-सम-सण्णिहो वा वि / पढमो विणोसहेणं तक्खय-तुल्लो य बीओ // 46 // पढमाउ कुसल-बंधो तस्स विवागेण सुगईमा-ऽऽईया / / तत्तो परंपराए बिईओ वि हु होइ कालेणं // 47 // जिण-बिब-पइट्ठावंण-भाव-ऽज्जिय-कम्म-परिणइ-वसेणं / सुगइअ पइ-ट्ठावणमऽण-ऽहं सइ अप्पणो जम्हा // 48 // तत्थ-ऽवि य साहु-दंसण-भाव-ऽज्जिय-कम्मओ उ गुण-रागो / काले य साहु-दंसणं जह-क्कमेण गुण-करं तु // 49 // "पडिबुज्झिस्संतऽण्णे" भाव-ऽज्जिय-कम्मओ उ पडिवत्ती / भाव-चरणस्स जायइ एअं चिय संजमो सुद्धो // 50 // भाव-त्थओ अ एसो थोअव्वोचिय-प्पवत्तिओ णेओ। णिर-ऽवेक्खा-ऽऽणा-करणं कय-किच्चे हंदि उचियं तु॥ 51 // एअं च भाव-साहुं[]विहाय, न ऽण्णो चएइ काउं जं [जे] / सम्मं तग्गुण-नाणा-5-भावा तह कम्म-दोसा य // 52 // जं एअं अट्ठा-रस-सील-उंग-सहस्स-पालणं णेयं / अच्च-इंत-भाव-सारं ताइं पुण हुंति एआइं // 53 // जोए करणे सण्णा इंदिय-भोमा-ऽऽइ समण-धम्मे य / सीलउंग-सहस्साणं अट्ठारसगस्स णिप्फत्ती // 54 // 34