________________ विज्जा जवाइसज्झा मंतो एमेव अंजणाइ. पुण चुन्नं / / जोगो लेवाइकम्मं मूलकम्मं तु रक्खाई .. . // 91 // दोसा संकाइ संकिय मक्खियं महुदगाइसंसिटुं / ..... तसथावरेसु ठवियं अचित्तमवि होइ निक्खित्तं // 92 // पिहियं सचित्तथगियं साहरियं भायणट्ठियमजोगं / ..... निक्खिविऊण सचित्ते वियरइ जं तेण पत्तेण // 93 // दायगयं जं दिन्नं निगडिय कंपंत पाउयठिएहिं / बालथविरंधपंडगमत्तकुणिखंजजरिएहिं , . // 94 // खंडगपीसगलोढगपिंजगकत्तगविलोडगाईहिं / वेलामासवईए सबालवच्छाइ इत्थीए // 95 // खंडाइकणाइजुयं उम्मिस्सं परिणयं न जं फासुं / महुमाइविलित्तेणं कराइणा देइ तं लित्तं . // 96 // छडुंतेण य दिन्नं छड्डियमिय हुति दोस बायाला / गिहिजइउभयप्पभवा उग्गममाई तहा कमसो // 97 // पिंडो देहो भन्नइ तस्स उवटुंभकारणं दव्वं / एगमणेगं पिंड असणाइ पाउंछणाईयं . // 98 // असणाईया चउरो पाउंछण वत्थ पत्तकंबलया / / सिज्जायरिपंडो उण न कप्पए रायपिंड व्व . // 99 // हणणं पयणं कयणं न कुणइ न य कारवेइ अन्नं पि / अणुजाणइ न कुणंतं एया नव हुंति कोडीउ // 100 // सुविसुद्धाहारेणं साहूणं निच्चमेव उववासो / देसूणपुव्वकोडि पि पालयंताण सामन्नं // 101 // गिव्हिज्ज आरनालं अंबिलधोअणतिदंडउक्कलियं / वनंतराइपत्तं फासुअसलिलं पि तदभावे . // 102 / / 26