________________ इय विहरिय वसहि गओ इरियं आलोअणा य गुरुपुरओ / काउं पेहिय भूमि मुत्तुं भत्ताइ नमइ जिणे // 103 // कयसज्झाओ य -खणं वीसमिय निमंतिउं गिलाणाई / पोत्ति पेहिय भणिउं नवकारं भुंजइ पयासे // 104 // संजोयणा पमाणे इंगाले धूमऽकारणे चेव / भोयणदोसे पंच उ समयपसिद्धा इमे वज्जे // 105 // खंडाइ मंडगाइसु संजोयइ भुंजइ पमाणऽहियं / संसंतो निदंतो जिमइ य छक्कारणाभावे // 106 // वेयण वेयावच्चे इरियट्ठाए य संजमट्ठाए / तह पाणवत्तियाए छटुं पुण धम्मचिंताए // 107 // बायालीसेसण संकेडम्मि गहणम्मि जीव ! न हु छलिओ / इण्डिं जइ न छलिज्जसि भुंजतो रागदोसेहि // 108 // असुरसुरं अचबचबं अडुअमविलंबियं अपडिसाडि। अविकियमुहो जिमित्ता पक्खालिय पियइ पत्तजलं // 109 // गुरुणो पत्तं भिन्नं कप्पिय आहागडं तु सेसेसुं / पढमं पक्खालिज्जइ जहाविसुद्धं तु सेसाणि // 110 // जं गहियमणाभोगाइणा असुद्धं तहेव उव्वरियं / / छारेणमक्कमित्ता परिहवेउं उचियदेसे . // 111 // इरियपडिकमणसक्कत्थयपुत्तिवंदणयसंवरण पुदि / निम्मज्जिऊण पत्ते ठविज्ज पेहाइ जा समओ // 112 // अह बाहिरभूमीओ दिसाइ ईसाणजम्मवज्जाए / गंतूणमसंलोए जणस्स मत्तगनिहियनीरो // 113 // पुट्ठिमदेंतो पुररविवायाणं थंडिलं च संडासे / पेहिय अणुजाणाविय उच्चाराई जई कुणइ // 114 // 27