________________ संकिय 1 मक्खिय 2 निक्खित्त 3 पिहिय 4 साहरिय 5 दायगु 6 म्मिस्से 7 / अपरिणय 8 लित्त 9 छड्डिय 10 एसणदोसा दस हवंति साहुनिमित्तं भत्ताइ जं गिही कुणइ तं अहाकम्मं / सचित्तस्साचित्तीकरणमचित्तस्स वा पयर्ड // 80 // उद्दिसियं तं तु कुराइयस्स दहिउल्लवणाइ उद्दिसिय / अहकम्मजुअं पूइ मीसं कयमप्पजइजोगं // 81 // मुणिजोग्गं ठवइ पिहु जं सा ठवणा इमा उ (सा ठवणा पयरणे उ पाहुडिया) साहुवओगाय थिरं दुयं व जं पगडणं कुणइ // 82 // पाओरण दीवाई पयडणं देइ वत्थुणो मज्झे / कीयं तु मुल्लगहियं पामिच्चयमुद्धियं जं तु // 83 // परियट्टियं इमं पुण जं दिज्जइ गहिय वत्थुणा वत्थु / तं अभिहडं जमाणियमन्नठाणाउ मुणिकज्जे - // 84 // उब्भिन्नं कूडाइसु घयाइ दाणाय मट्टिया भिहडं। मालोहडं जहत्थं पराउ हड गहियमच्छिज्जं // 85 // अणिसिटुं बहुसंतियमेगेणं दिनमहऽज्झोयरओ। आयरियस्स नियट्ठा साहु निमित्तं उवरि पूरो धाइयदूइयकम्मं मुणी निमित्तं च कुणइ भिक्खट्ठा / आजीवी कुलसिप्पाइं परेसु अप्पा तहा कहितो // 87 // विप्पाईणं भत्तेसु तस्सरिसं पयडंतु जं गिण्हे / वणिमगपिंडो ओसहकरणेण तिगिच्छपिंडो उ // 88 // कोहो तप्फलकहणं माणो सेहु व्व लद्धितुडिकरणं / मायाइ विविहवेसो लोभो भिक्खट्ठ बहुभमणं // 89 // पुल्विं पियाइ ससुराइ पच्छिमं कुणइ सरिससंबंधं / . जो सो संथवपिंडो विज्जाइपउंजणे पंच // 90 // . 25