________________ पच्छाणुपुब्वियाए ता देज्जा जाव निवियतवस्सी / अह कह वि होज्ज बहुयं सव्वेसिं चेव तो देयं // 120 // तुल्ले तवोविसेसे बालाबालाण कस्स दायव्वं ? / भन्नइ बाले दाउं देज्जा इयरे वि जइ बहुगं // 121 // दोण्ह बालाण मज्झे दायव्वं असहुणो न इयरस्स / दोण्हं असहूणं पुण दायव्वं हिंडगस्सेव // :122 // दोण्ह वि हिंडंताणं दायव्वं पाहुणे न वत्थव्वे / जइ पाणगआहारो पच्चक्खाओ न एएहिं . // 123 // अह पाणगं पि होज्जा विगिचियव्वं तओ उ दायव्वं / पाणगआहाराओ विरयाविरयाण दोण्हं पि // 124 // दसमाइविगिट्ठतवस्सियाण नो दिज्जई इमं जेण / पायोसिणभत्तुचिया जेणं व सदेवयां ते उ // 125 // केसिंचि अट्ठमाइ तवो विगिट्ठो तओ न तं देयं / अट्ठमतवस्सियाण वि कारणमेत्थं पि तं चेव // 126 // सो वि जई जइसुइयं तो गुरुभणिओ विसुद्धपरिणामो / .. वंदणपुव्वं विहिणा भुंजइ तं संदिसावेउं // 127 // जो पुण तं उच्छिद्रं वियरइ अन्नस्स जो व तं भुंजे। गुरुवयणमंतरेणं तेसिं गुरुगो भवे दंडो // 128 // गच्छाओ निज्जूहण आउट्टाणं च पंचकल्लाणं / डंडो जिणेहिं भणिओ दोण्ह वि गिण्हेतदेंताणं // 129 // एसागारो गिहिणो न भवइ सुत्तं तहा वि अक्खंडं / . उच्चरइ जहा गुरुणो अहवा आगाढजोगि त्ति // 130 // वोसिरई परिहरई चउहाहारं अणेगभत्तं वा / इय एक्कासणमुत्तं एगट्ठाणं अओ वोच्छं // 131 // 22