________________ अणुपालणाविसुद्धं आवइपत्तो वि जमणुपालेइ / सम्मं अचलियचित्तो तययं उवओगओ चेव .. // 31 // जं नो कोहा माणा माया लोभा भया व सोगा वा / . नो जसकित्तिनिमित्तं नो पूयागारवनिमित्तं .. // 32 // इहपरलोगासंसारहिओ जं कुणइ निज्जराहेउं / .. इंदियवियारविरओ भावविसुद्धं तयं नेयं // 33 // जं पुण कोहाइवसो. उम्मत्तो वावि सुमिणमझे वा / गिण्हइ पच्चक्खाणं तं न पमाणं सुग्रहराणं // 34 // अन्नं मणम्मि काउं अन्नं वायाए कुणइ. जं सहसा / तत्थ वि मणं पमाणं न पमाणं वंजणच्छलणा // 35 // इय सुद्धीहिं विसुद्धं पच्चक्खाणं भणंति मोक्खंगं / .. एयाहि अपरिसुद्धं विवरीयं तं मुणेयव्वं भणियं विसुद्धिदारं सुत्तवियारंति संपयं भणिमो / नवकारमाइयाणं कमेण सुत्ताणुसारेणं // 37 // नवकार 1 पोरिसीए 2 पुरिमड्डे 3 क्कासणे 4 गठाणे 5 य। / आयंबिल 6 ऽभत्तढे 7 चरिमे य 8 अभिग्गहे 9 विगई 10 38 // दो चेव नमुक्कारे आगारा छच्च पोरिसीए उ / - सत्तेव य पुरिमड्ढे एगासणगम्मि अटेव // 39 // सत्तेगट्ठाणस्स उ अटेवायंबिलम्मि आगारा / पंचेव अभत्तटे छप्पाणे चरिमि चत्तारि पंच चउरो अभिग्गहि निव्विइए अट्ठ नव य आगारा / अप्पाउरणे पंच उ हवंति सेसेसु चत्तारि . // 41 // पंचपरमेट्ठिनमणं नवकारो तेण संजुयं सहियं / . जाव नवकारपाढं होइ न.पाओ वि एयंति . // 42 // // 40 // 284