________________ // 23 // नासइ विवेगरयणं असुहकहासंगकलुसियमणस्स / धम्मो विवेगसारो त्ति सक्कहो होज्ज धम्मत्थी // 20 // अणुकूल धम्मसीलो सुसमायारो यं परियणो जस्स / एस सुपक्खो धम्मं निरंतरायं तरइ काउं .. // 21 // आढवइ दीहदंसी सयलं परिणामसुंदरं कज्जं / बहुलाभमप्पकेसं सलाहणिज्जं बहुजणाणं // 22 // वत्थूणं गुणदोसे लक्खेइ अपक्खवायभावेण / पाएण विसेसन्नू उत्तमधम्मारिहो तेण / वुड्ढो परिणयबुद्धी पावायारे पवत्तई नेय / वुड्ढाणुगो वि एवं संसग्गकया गुणा जेण विणओ सव्वगुणाणं मूलं सन्नाणदंसणाईणं / मोक्खस्स य ते मूलं तेण विणीओ इह पसत्थो // 25 // बहु मन्नइ धम्मगुरुं परमुवयारि ति तत्तबुद्धीए / तत्तो गुणाण वुड्ढी गुणारिहो तेणिह कयन्नू // 26 // परहियनिरओ धन्नो सम्मं विनायधम्मसब्भावो / अन्ने वि ठवइ मग्गे निरीहचित्तो महासत्तो // 27 // लक्खेइ लद्धलक्खो सुहेण सयलं पि धम्मकरणिज्जं / दक्खो सुसासणिज्जो तुरियं च सुसिक्खिओ होइ // 28 // एए इगवीसगुणा सुयाणुसारेण किंचि वक्खाया / अरिहंति धम्मरयणं घेत्तुं एएहि संपन्ना पायद्धगुणविहीणा एएसि मज्झिमा वरा नेया / . एत्तो परेण हीणा दरिद्दपाया मुणेयव्वा . // 30 // धम्मरयणस्थिणा तो पढमं एयज्जणम्मि जईयव्वं / . जं सुद्धभूमिगाए रेहइ चित्तं पवित्तं पि . // 31 // // 29 // 22