________________ // 272 // // 273 // // 274 // // 275 // // 276 // // 277 // जम्म वासं चउमास-मद्धमासं कमा टिई एसि / नारयतिरियनरामर-गईसु एसु मया जंति सम्मत्तं गिहिधम्मं, जइधम्मं अणुकमा अहक्खायं / वीसासघायगा इव, वीसत्थाणं हणंति इमे इक्कारस्सगुणट्ठाण-गस्स सीसं पि जं समारूढो / पाडिज्ज कसाएहिं, भणाहि को तेसि वीसंभो कट्ठकिरियाहिं देहं, दमंति किं ते जडा निरपराहं / मूलं सव्वदुहाणं, जेहिं कसाया न निग्गहिया तत्तमिणं सारमिणं, दुवालसंगीइ एस भावत्थो / जं भवभमणसहाया, इमे कसाया चइज्जति एसु दुहनट्टरंगे, मित्तिमहावल्लिमलणमायंगे। सुविवेयदिसामोहे, रज्जिज्जइ कहसु कह कोहे कट्ठाई पवडतो, पज्जलइ जलम्मि न हु जलइ नेहे। दिप्पंतो देइ तमं, कोहहुयासो इह अपुव्वो मा रुसह रोसिल्ले, मा वसह परम्मि अहिसवंतम्मि / मा पहरह पहरंते, उवसमसारं खु सामण्णं नासियगुरूवएस, विज्जाअहलत्तकारणमसेसं / कुग्गहगयआलाणं, को सेवइ सुनओ माणं जेणं माणो पाणो, वसाविओ निययहिययट्ठाणम्मि / जुत्तं नाणाइंगुणा, सुपवित्ता तं न च्छिप्पंति पवरकुलजाइबलसुय-तवरूवेसरियलाभट्ठाणेसु / जो जेणं इहमच्चइ, मुच्चइ सो परभवे तेणं दुब्बुद्धितिमिरराई, विविहदुरायारवल्लिवणराई / नीसेसदोसमाया, वज्जिजइ दुरओ माया 251 // 278 // // 279 // // 280 // // 281 // // 282 // // 283 //