________________ तो हविय सुरहिसलिलेण, गंधकासाइयाइ लूहेइ / चंदणरसेण लिपेइ, दूसजुअलं निअंसेइ // 202 // अच्चेइ पवरगंधेहिं, अह कुणइ मुक्कलाण कुसुमाण / मल्लाण चुण्णवण्णग-वत्थाभरणाण आरुहणं // 203 // मुंचइ पलंबमाला, करयलमुक्काई किरइ कुसुमाइं / सियतंदुलेहिं अट्ठट्ठ-मंगले आलिहइ पुरओ // 204 // धूवं च देइ तत्तो, अट्ठसएणं थुणेइ वत्ताणं / सत्तट्ठपए ओसरिय, वाममंचेइ सो जाणुं // 205 // दाहिणमिलाइलाइय, नामेइ सिरं महीइ तिक्खुत्तो / ईसि नमित्तु सीसे, कयंजली भणइ सक्कथुअं // 206 // तो गीयवज्जनढें, मणरंगेणं पुणो पयासेइ / चेइयहरस्स चिंतं, कुणइ आसायणारहिओ . - // 207 // तो पत्तो गुरुपासे, पच्चक्खाणं करेइ विणएण / सुच्चा धम्मं तत्तो, बालगिलाणाइ चिंतेइ // 208 // अह धम्ममबाहंतो, हेडं अत्थस्स उज्जमइ. सढो। . धम्मोवघायजणिया, जं लच्छी होइ विसवल्ली // 209 // धम्मो वि जो धणेणं, कारइ ववहारसुद्धिरहिएण / सो न लहइ वित्थारं, तरुव्व लवणंबुसंसित्तो // 210 // विसत्थघायपरवंचणाइ काउं विरुद्धगमणं वा। ' तक्करसंबंधं वा, जो अत्थो खलु अणत्थो सो // 211 // कूडतुलमाणनाणय-विभेदरसवत्थुसंकरेहिं च / वुट्टि अहिलसमाणो, अहह समूलो विणस्सेइ // 212 // पासंडिदेवतद्धण-धणेण खरकम्मनीयकम्मेहिं / जूएण धाउवाएण वा वि अत्थं न पत्थेइ // 213 // 245