________________ दुलहो सुवसंतगुणो, सद्धालंभे वि वीरियायारो / जमणेण विणा पायं, न चूयवल्लीव सा फलइ // 59 // कस्स वि एसो कस्स वि, एस्सो अन्नस्स दुन्निविय लोगा।। जे पुण पमायविवसा, दुन्नि वि लोगा हया तेसिं // 60 // जइ तब्भवसिद्धीया, जिणा वि चरणम्मि उज्जमंति दढं / संदिद्धे भव्वत्ते वि, ता पमायंति किं इयरो // 61 // अपमाए अरिहंतो, पए पए गोयमं पि चोइए / अवराणवरायाणं, ता कीस पमायवीसंभो // 62 // इहलोयपरलोयदुहेसु, आरंभेसु सयं समुज्झमइ / सुहहेउम्मि उ धम्मे, वुत्तो वि जिओ न मूढमई // 63 // मा मे इक्को वि खणो, निद्दाविकहाविणोयमाईहिं / जाउ मुहा इय बुद्धी, न जस्स नणु तस्स कह सिद्धी // 64 // सो भरियसरम्मि ठिओ तिसिओ छुहिओ व फलियखित्तम्मि / जो देइ लहिय धम्मा-वसरं पसरं पमायस्स // 65 // ही बालिसेण सुकयालसेण बहुविसयलालसेण तहा। पत्ता वि धम्मवेलाऽवहीलिया बंभदत्तेण // 66 // अधिकार-३ सो होइ अप्पमत्तो, विरइए उज्जमेण सा य दुहा / देसेण सावयाणं, सव्वेणं संजयाणं च . // 67 // जे न खमंति परीसह-भयसयण सिनेह विसयलोभेहिं / सव्वविरइं.धरेउं, ते जुग्गा देसविरइए // 68 // इह सम्मत्तं 1 बारस-वयाई 2 दिटुंतसंजुयाइं तओ। गुण 3 भावण 4 दिणरयणी-किच्चाई 5 फलं च वत्तव्वं // 69 // 233