________________ भेसज्जवेज्जसूयणमुवसामणमाइकिरियं वा / आहारकारणेण वि दुविह तिगिच्छं कुणइ मूढो // 66 // विज्जातवप्पभावं निवाइपूयं बलं व से नाउं / दट्ठण व कोहफलं, दिति भया कोहपिंडो सो // 67 // लद्धिपसंस(सउ)त्तिइड, परेण उच्छाहिओ अवमओ वा / गिहिणोभिमाणकारी, जं मग्गइ माणपिण्डो सो // 68 // मायाए विविहरूवं रूवं, आहारकारणे कुणइ / गिहिस्समिमं निद्धाइ, तो बहु अडइ लोभेण // 69 // कोहे घेवरखवओ, माणे सेवइयखुड्डुओ नायं / मायाएऽऽसाढभूई, लोभे केसरयसाहु त्ति // 70 // थुणणे संबंधिसंथंवो, दुहा सो य पुव्व पच्छा वा / दायारं दाणाउ, पुव्वं पच्छा व जं थुणइ // 71 // जणणिजणगाइ पुव्वं पच्छा सासुससुरयाइ जं च जई / आयपरवयं नाउं, संबंध कुणइ तदणुगुणं // 72 // साहणजुत्ता थीदेवया व, विज्जा विवज्जए मंतो।। अंतद्धाणाइफला, चुन्ना नयणंजणाइया // 73 // सोहग्गदोहग्गकरा, पायलेवाइणो य इह जोगा / पिण्डट्ठमिमे दुट्ठा, जईण सुयवासिणमईण // 74 // मंगलमूलीण्हवणाइ गब्भवीवाहकरणघायाइ / भववणमूलकम्मं ति मूलकम्मं महापावं // 75 // इय वुत्ता सुत्ताउ बत्तीस गवेसणेसणादोसे / गहणेसणदोसे दस लेसेण भणामि ते य इमे // 76 // संकियमक्खियनिक्खित्त-पिहियसाहरियदायगुम्मीसे / / अपरिणयलित्तछड्डिय एसणदोसा दस हवंति // 77 // . 15