________________ तीये जुयं पत्तं पि हु करीसनिच्छोडियं कयतिकप्पं / कप्पइ जं तदवयवो सहस्सघाई विसलवो व्व - // 54 // सेसा विसोहिकोडी तदवयवं जं जहिं जया पडियं / / असढो पासइ तं चिय तओ तया उद्धरे सम्म // 55 // तं चेव असंथरणे संथरणे सव्वमवि विगिचंति / दुल्लहदव्वे असढा तत्तियमेत्तं चियं चयंति . . // 56 // . भणिया उग्गमदोसा संपइ उप्पायणाए ते वोच्छं / जे णज्जकज्जसज्जो करेज पिण्डट्ठमवि ते य // 57 // धाइदूइनिमित्ते आजीववणीमगे तिगिच्छा य। .. कोहे माणे माया लोभे अ हवंति दस एए // 58 // पूविं पच्छा संथव विज्जामंते य चुन्नजोगे य / / उप्पायणाए दोसा सोलसमे मूलकम्मे 'य // 59 // बालस्स खीरमज्जणमंडणकीलावणंकधाइत्तं / करिय काराविय वा जं लहइ जइ धाइपिंडो सो. // 60 // कहियमिहो संदेसं पयर्ड छनं व सपरगामेसु / जं लहइ लिंगजीवी स दूइपिंडो अणहा(8) फलो // 61 // जो पिण्डाइनिमित्तं, कहइ निमित्तं तिकालविसयं पि। लाभालाभसुहासुहजीविअमरणाइ सो पावो // 62 // जच्चाइधणाण पुरो तग्गुणमप्पं पि कहिय जं लहइ / सो जाईकुलगणकम्म-सिप्पआजीवणापिंडो // 63 // माइभवा विप्पाइ व जाइ, उग्गाइ पिउभवं च कुलं / ... मल्लाइ गणो किसिमाइ, कम्म चित्ताइ सिप्पं तु // 64 // पिण्डत्था समणातिहिमाहणकिविणसुणगाइभत्ताणं / अप्पाणं तब्भत्तं दंसइ जो सो वणिमो त्ति // 65 // 14