________________ जम्मजरमरणदुक्खं, हरेइ संकप्पिअं पिअं देइ / / सहिभाउपुत्तपणइणि-पिउमाऊहिं हिओ धम्मो // 24 // जे नरसुरवरभोगा, जे जसबलरूवरिद्धिसंजोगा। .. ते धम्मकप्पतरुणो, कुसुमाइं फलं पुणो सिद्धी - // 25 // अधिकार-२ जिणधम्मं जीवा न हु, लहंति सामग्गिबाहिरा सव्वे / माणुस्सखित्तकुलगुरु-सद्धाविरिआइया सा य // 26 // दुलहं खलु माणुस्सं, सव्वुत्तमलाभमूलनीविसमं / ... लंभे जस्स विसिट्ठा, दसदिटुंता सुए दिट्ठा // 27 // अव्ववहारनिगोएसु, ताव चिटुंति जंतुणो सव्वे / .. पढमं अणंतपुग्गल - परियट्टे थावरत्तेण // 28 // तेसु अणंतजीएहिं, समजम्माहारदेहऊसासो / कम्मवसो वसइ जिओ अणंतपुग्गलपरिअट्टे // 29 // कह कह वि तओ मुक्को, निगोयअयसंकलाइ गहिलो व्व।। अइगहणे भवगहणे, भमइ जिओ विविहवेसेहि साहारणेसुऽणंतं, संखाइअं परित्तजोणीसु / तसकाए संखिज्जं, कालं परियट्टए जीवो // 31 // एवं परिब्भमंतो, भवकंतारे दुहेहिं परितत्तो / कप्पतरूं व दरिद्दो, कह वि लहइ कोइ मणुअत्तं // 32 // नाणेण केवलेणं पुरिसे जिणगणहराइजम्मेण / . चरणम्मि सव्वविरइ, को भवो तुलइ माणुस्सं // 33 // चंदणतरुव्व मुत्ता-गरव्व मरगयमणिव्व कंणयं व। सव्वुत्तम त्ति थोवा, मणुआ सेसेसु जीवेसु / // 34 // 230 // 30 //