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________________ उवसमसारं चरणं, भणइ जिणो न उ परे मणे तेसिं / जं देवरिसी दिट्ठा सवमाणा थोवकज्जे वि. // 12 // सो धम्मो जत्थ दया; सा उ दया जत्थ जीवविन्नाणं / जह जीवेसु जिणाणं, नाणं अन्नाण तह नत्थि // 13 // देवा रिसिंणो वि परे, जं अविरामं रमंति रमणीहिं / तम्हा बंभवयस्स वि, जिणमयमेयं अवटुंभो // 14 // अन्नमए देवाणं, माया माया जयस्स जइ होइ / तो भावकरणसच्चं, अदंभया जिणमयम्मि ठिया // 15 // सुपरिक्खिअम्मि कणए, भवंति भवणम्मि इक्कभवभोगा / आमुक्खं सुक्खभरो, धम्मे सुपरिक्खिए होइ // 16 // गुणरयणनाणवरजल-जलनिहिणा जो जिणेण उवइ8ो / अमयंव देइ धम्मो, अइरा अयरामरत्तं से // 17 // हुंति जहा अवरेहि, जलेहिं पउराउ धन्नरासीउ / मुत्ताहलनिप्फत्ती, होइ पुणो साइनीरेण // 18 // एवं सुरनररिद्धी, हवंति अन्नाणधम्मचरणेहिं / अक्खयमोक्खसुहं पुण, जिणधम्माओ न अन्नत्थ // 19 // कोवदवग्गिपलितं, माणगिरीनिअडिवंसिसंजुत्तं / लोभगुरुविवरगहणं, बहुव्हिआसापिसाइगणं // 20 // मोहतमपूरभरियं, उल्लंघिउं भवाडवं तुरिउं / जिणधम्मविहिअरक्खो, सत्तो सत्तो महासत्तो // 21 // घणसत्धअत्थकलिओ, पुरओ वि ठिओ परेहिं दुग्गिज्जो / सिरिवीराओ जाओ, धम्मो वि वहेइ वीरत्तं // 22 // जिणधम्मो गयराओ, सुबहुमओ असमसमरसं पत्तो / . विप्फुरियविविहआसं, महइ महामोहरायबलं // 23 // 29
SR No.004460
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages354
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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