________________ अहो मोहो महामल्लो, जेणं अम्हारिसा वि हु / जाणंता वि अणिच्चत्तं, विरमंति न खणं पि हु // 305 // जेण भवरुक्खकुसुमफलाइं, एयाई डिभरूवाई / भज्जा नियलमलोहं च, बंधणपासं च बंधुजणो // 306 // पियपुत्तभाय-भइणी-माया-भज्जाण जं कए कुणसि / ते उ तडट्ठियण्हाया, भुंजई इक्कलओ दुक्खं // 307 // एयारिसं पि जाणंतो, मग्गं सव्वनुदेसियं / न विरज्जामि बंधूसु, अहो निल्लज्जया मम // 308 // निम्ममत्तसुखग्गेणं, छिंदउं मोहपासए / खंतो दंतो जियाणंगो, मुणिमग्गं पवज्जिमो // 309 // इत्थी नाम मणुस्साणं, सग्गनिव्वाणअग्गला / / सव्वदुक्खसमूहस्स, एसा खाणी अणिट्ठिया // 310 // वाहीणं च महावाही, विसाणं च महाविसं / अविवेगनरनाहस्स, रायहाणी वियाहिया . // 311 // अणत्थाणं महाठाणं, मूलं दुच्चरियाण उ / आवासो असुइत्तस्स, जओ एवं वियाहियं // 312 // असुइमुत्तमलप्पवाहरूवयं, वंतपित्तवसमज्जपुप्फसं / .. मेयमंसलबहुहड्डुकरंडयं, चम्ममित्तपच्छाइय जुवइअङ्गयं // 313 // मंसं इमं मुत्तपुरीसमीसं, सिंघाणखेलाइ,य निज्झरंतं / एवं अणिच्चं किमियाण वासं, पासं नराणं मइबाहिराणं // 314 // पासेणं पंजरेण य, बज्जंति चउप्पया य पक्खी य / इह जुवइ पंजरेण, बद्धा पुरिसा किलिस्संति // 315 // सीयं च उण्हं च सहति मूढा, इत्थीसु सत्ता अविवेयवंता / इलाइपतु व्व चयंति जाई, जीयं च नासंति य रावणु व्व // 316 // 223