________________ जे पुणो जिणदव्वं तु, वुड्डि निति सुसावया / ताणं रिद्धी पवड्डेइ, कित्ती सुक्खं बलं तहा // 137 // पुत्ता य हुंति से भत्ता, सोंडीरा बुद्धिसंजुया / सव्वलक्खणसंपन्ना, सुसीला जणसंमया // 138 // संकासो विव भित्तूणं, कम्मगंठिं सुनिव्वुडो / जाहिही सो उ निव्वाणं महासत्तो न संसओ // 139 // नो माया नो पिया भज्जा, न सरीरं नेव बंधवा / पिच्छए तत्थ ठाणम्मि, जत्थ अत्थं तु पिच्छए। // 140 // अलुद्धो जो उ दव्वम्मि, जिणदव्वं नय वित्थरं / एएण सो महासत्तो वुच्चए, जिणसासणे // 141 // जिणपवयणवुड्किरं पभावगं नाणदंसणगुणाणं / भक्खंतो जिणदव्वं, अणंतसंसारिओ होइ // 142 // जिणपवयणबुड्डिकरं, पभावगं नाणदंसणगुणाणं / क्खंतो जिणदव्वं, परित्तसंसारिओ होइ // 143 // जिणपवयणवुड्डिकरं, पभावगं नाणदंसणगुणाणं / पहुँतो जिणदव्वं, तित्थयरतं लहइ जीवो // 144 // एवं नाऊण जे दव्वं, वुढेि निति सुसावया / बरामरणरोगाणं, अंतं काहिति ते पुणो . // 145 // अह धम्मदेसणत्थं, तत्थ सूरी न आगओ। मुब्वुत्तेण विहाणेणं, वसहीए गच्छए तओ // 146 // बइ वि न आहाकम्मं, भत्तिकयं तह वि वज्जयंतेहिं / मत्ती खलु होइ कया, जिणाण लोए वि दिळंतो // 147 // बंधित्ता कासवओ, वयणं अट्ठपुड सुद्धपुत्तीए / पत्थिवमुवासए खलु, वित्तिनिमित्तं भया चेव // 148 // . 200