________________ र विऊ संखकुंदोवमेहिं च, अखंडफलिएहि य / अक्खएहि विसिटेहिं, लिहए अट्ठमंगले // 65 // दप्पणभद्दासणवद्धमाण, सिरिवच्छमच्छवरकलसा / सत्थियनंदावत्ता, लिहिआ अट्ठट्ठमंगलया // 66 // कुसुमेहिं पंचवन्नेहि, पूयए अट्ठमंगले / चंदणेण विसिटेण, दले पंचंगुलीतलं // 67 // कुसुमेहिं पंचवन्नेहि, पूयए भत्तिसंजुओ / चंदणेण तहेवा कि, तओ पंचंगुलीतलं // 68 // अगरकप्पूरमीसं तु, दहे धूवं वियक्खणो / आरत्तियाइपज्जतं, करे किच्चं तओ पुणो // 69 // देविंददाणविंदेहि, नारएणं जहा कयं / पभावईइ देवीए, हा नट्टं करे विऊ // 70 // पणिहाणं च काऊणं, करे अन्नं तओ इमं / नाणाविहाइ भत्तीए उल्लोयं जिणमंदिरे . // 71 // वत्थेहिं देवंगदुगल्लएहिं, पट्टेहिं खोमेहि य उत्तेहिं / सुक्नरुप्पेहिं पवालएहिं, मुत्ताहलेहिं च महालएहिं // 72 // सुवनजुत्तेहिं सुगंधएहि, नाणापयारेहिं सुगच्छिएहिं / पुप्फाण गेहं तु करेइ रम्मं, सुभत्तिजुत्तो जिणमंदिरम्मि // 73 // अत्थवंतेण सुद्धेणं, गीएणं करणाइणा / जिणाणं जियमोहाणं, गायए गुणपगरिसं // 74 // ततं च विततं चेव, घणं सुसिरसुतालयं / आउज्जं एवमाईयं, वाए वायावए तओ // 75 // ठाणे ठाणे तओ तत्थ, सयं देइ दवावए / ससे य चच्चरीओ य, हिययाणंददायए // 76 // 203