________________ // 108 // // 109 // // 110 // // 111 // // 112 // // 113 // उवउत्तो गुरुमूले संविग्गो इत्तरं व इयरं वा / अणुदियहमणुसरंतो पालेइ विसुद्धपरिणामो देसविरइपरिणामे सइ कि गुरुणा फलस्स भावाओ। उभयपलिमंथदोसो निरत्थओ मोहलिंगं तु दुण्ह वि य मुसावाओ तयभावे पालणस्स वि अभावो / न य परिणामेण विणा इच्छिज्जइ पालणं समए संते विय परिणामे. गुरुमूलपवज्जणम्मि एस गुणो। * दृढया आणाकरणं कम्मखओवसमवुड्ढी य इय अहिए फलभावे न होइ उभयपलिमंथदोसो उ। तयभावम्मि वि दुण्ह वि न मुसावाओ वि गुणभावा तग्गणउ च्चिय तओ जायइ कालेण असठभावस्स। इयरस्स न देयं चिय सुद्धो छलिओ वि जइ असढो थूलगपाणाइवायं पच्चक्खंतस्स कह न इयरम्मि / होइ णुमइ जइस्स वि तिविहेण तिदंडविरयस्स अविहीए होइ च्चिय विहीइ नो सुयविसुद्धभावस्स / गाहावइसुअचोरग्गहणमोअणा इत्थ नायं तु देवीतुट्ठो राया ओरोहस्स निसि ऊसवपसाओ। घोसणनरनिग्गमणं छव्वणियसुयाणनिक्खेवो चारियकहिए वज्झा मोएइ पिया न मिल्लइ राया। जिट्टमुयणे समस्स उ नाणुमई तस्स सेसेसु राया सड्ढो वणिया काया साहू य तेसि पियतुल्लो। मोयइ अविसेसेणं न मुयइ सो तस्स किं इत्थ तसपाणघायविरई तत्तो थावरगयाण वहभावा। / नागरगवहनिवित्तीनायाओ केइ नेच्छंति // 114 // // 115 // // 116 // // 117 // // 118 // // 119 // . 173