________________ // 72 // .. // 73 // // 75 // // 76 // // 77 // जेसिमवड्ढोपुग्गलपरियो सेसओ उ संसारो। ते सुक्कपक्खिआ खलु अहिए पुण किण्हपक्खिया पायमिह कूरकम्मा भवसिद्धिया वि दाहिणिल्लेसु / नेरइय-तिरिय-मणुया सुरा य ठाणेसु गच्छंति देवा नेरझ्या वा असंखवासाउआ य तिरि-मणुया। उत्तमपुरिसा य तहा चरमसरीरा य निरुक्कमा सेसा संसारत्था भइया सोवक्कमा व इयरे वा। सोवक्कम-निरुवक्कमभेओ भणिओ ममासेणं मुत्ता अणेगभेया तित्थतित्थयरतदियरा चेव / सयपत्तेयविबुद्धा बुहबोहिय सन्नगिहिलिंगे इत्थीपुरिसनपुंसग एगाणेग तह समयभिन्ना य / एसो जीवसमासो इतो इयरं पवक्खामि धम्माधम्मागासा पुग्गल चउहा अजीव मो एए। गइठिइअवगाहेहिं फासाईहिं च गम्मति कायवयमणोकिरियाजोगो सो आसवो सुहो सो अ। पुण्णस्स मुणेयव्वो विवरीओ होइ पावस्स सकसायत्ता जीवो जोगे कम्मस्स पुग्गले लेइ। सो बंधो पयइठिईअणुभागपएसभेओ ओ आसवनिरोह संवर समिईगुत्ताइएहि नायव्वो। कम्माणणुवायाणं भावत्थो होइ एयस्स तवसा उ निज्जरा इह निज्जरणं खवणनासमेगट्ठा / कम्माभावापायणमिह निज्जरमो जिणा बिति नीसेसकम्मविगमो मुक्खो जीवस्स सुद्धरूवस्स / साइ अपज्जवसाणं अव्वाबाहं अवत्थाणं . 170 // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // // 82 // // 83 //