________________ // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // // 16 // // 17 // पढमं पंचवियप्पं मइसुयओहिमणकेवलावरणं / बीयं च नववियप्पं निद्दापण दंसणचउक्कं / निद्दा निद्दानिद्दा पयला तह होइ पयलपयला य / थीणद्धी अ सुरुद्दा निद्दापणगं जिणाभिहियं नयणेयरोहिकेवल दंसणवरणं चउव्विहं होइ / सायासाय दुभेयं च वेयणिज्जं मुणेयव्वं दुविहं च मोहणीयं दंसणमोहं चरित्तमोहं च / दंसणमोहं तिविहं सम्मेयरमीसवेयणीयं / दुविहं चरित्तमोहं कसाय तह नोकसाय वेयणीयं / सोलसनवभेयं पुण जहासंखं मुणेयव्वं अण अप्पच्चक्खाणा पच्चक्खाणावरणा य संजलणा। कोहमाणमायलोहा पत्तेयं चउवियप्प त्ति इत्थीपुरिसनपुंसगवेयतिगं चेव होइ नायव्वं / . हास रई अरइ भयं सोग दुगंछा य छक्कं ति। आउं च एत्थ कम्मं चउव्विहं नवरं होइ नायव्वं / नारयतिरियनरामरगइभेयविभागओ भणिअं नामं दुचत्तभेयं गइजाइसरीरअंगुवंगे य / बंधणसंघायणसंघयणसंठाणनामं च तह वन्नगंधरसफासनामगुरुलहू य बोद्धव्वं / / ज्वघायपराघायाणुपुव्विऊसासनामं च आयवउज्जोयविहायगई य तसथावराभिहाणं च / . बायरसुहुमं पज्जत्तापज्जत्तं च नायव्वं पत्तेयं साहारण-थिरमथिरसुहासुहं च नायव्वं / सूभगदूभगनाम सूसर तह दूसरं चेव . 175 // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // // 22 // // 23 //