________________ दिसिपरिणाम न कुणंति कह वि मोहेण मोहिया पावा / तिमिसगुहाए जह कोणिओ हु निहणं नरा जंति // 68 // जह चंडकोसिओ खलु निरुद्धदिट्ठीमणोवई काउं। तह अण्णो वि सउण्णो सव्वसुहाणं इहाभागी // 69 // फलसंपत्ती वि धुवं (वा) जीवाणं तह य (वि)जत्थ उवघाओ / पंचिंदियमाईणं तत्थ न गच्छंति ते कह वि // 70 // उड्ढे अहे य तिरियं अइक्कमो तह य खित्तवुड्डी य / सइअंतरद्ध एत्थं वज्जिज्जा पंच अइयरे // 71 // दुविहं तिविहेण गुणव्वयं तु घित्तूण पेसए अण्णं / ... तल्लाभं वा गिण्हइ तस्स धुवं होइ इह भंगो // 72 // इरियासमियाए परिब्भमंति भूमंडलं निरारंभा / सव्वजगज्जीवहिया ते धण्णा साहुणो निच्चं // 73 // उवभोगपरीभोगे विणियत्ती तं गुणव्वयं बीयं / आहाराई विलयाइयाइ चित्तं जओ भणियं . महुमज्जमंसपंचुंबराइ विरई करेज बिइयम्मि / असणविलेवणवत्थाइयाण परिमाणकरणेण // 75 // दुविहतिविहाइ मंसाइयाण एगविह तिविह सेसेसुं / निरवज्जाहाराई अहम्मवित्तीपरिच्चाओ // 76 // भोगुवभोगेहितो अनियत्ताणं हवंति दुक्खाई / सेडुबओ य सुबंधू जह निच्चमंडिया भट्टी पोग्गलपरिणामं चिंतिऊण भोगेहि जे विरज्जंति / सिवजम्मे जह जंबू वंदिज्जते बहुजणेणं // 78 // जत्थ बहूणं घाओ जीवाणं होइ भुंजमाणम्मि / तं वत्थु वज्जिज्जा अइप्पसंगं च सेसेसु // 79 // 158 // 74 // // 77 //