________________ जइ खमसि तो नमिज्जसि, छज्जइ नाम पि तुह खमासमणो / अह न खमसि न नमिज्जसि, नामं पि निस्त्थयं वहसि।। 188 // पासत्थ-ओसन्न-कुस्सीलरूवा, संसत्त-हाछंदसरूवधारी / आलावमाइहि विवज्जणिज्जा, अवंदणिज्जा य जिणागमम्मि // 189 // बंदंतस्स उ पासत्थ-माइणो नेय निज्जर न कित्ती / जायइ कायकिलेसो, बंधो कम्मस्स आणाइ // 190 // जे बंभचेरस्स वयस्स भट्ठा, उडुति पाए गुणसुट्ठियाणं / जम्मतरे दुल्लहबोहिया ते लाहे वि कुंटत्तणयं लहंति // 191 // पासत्थो ओसन्नो, कुशीलसंसत्तनीय अहाछंदो / एएहिं आयरियं, न आयरिज्ज न यासंसे // 192 // जं जीयमसोहिकरं, पासत्थपमत्तसंजयाईहिं / बहुएहिं वि आइन्नं, न तेण जीएण ववहारो // 193 // जं जीयं सोहिकरं, संवेगपरायणेण दंतेण / एकेण वि आइन्नं, तेण उ जीएण ववहारो . // 194 // आणाए अवस॒तं, जो उववूहिज्ज जिणवरिंदाणं / तित्थयरस्स सुयस्स य, संघस्स य पच्चणीओ सो // 195 // किं वा देइ वराओ, मणुओ सुट्ठ वि धणी वि भत्तो वि / आणाइक्कमणं पुण, तणुयं. पि अणंतदुहहेउ // 196 // तम्हा सइ सामत्थे, आणाभट्ठम्मि नो खलु उवेहा / अणुकूलगेयरेहिं, अणुसट्ठी होइ दायव्वा // 197 // एवं पाएण जणा, कालाणुभावा इहं तु सव्वे वि / णो सुंदरं त्ति तम्हा, आणाजुत्तेसु पडिबंधो // 198 // इयरेसु वि य पओसो, नो कायव्वो भवट्ठिई एसा / नवरं विवज्जणिज्जा, विहिणा सयमग्गनिरएणं // 199 // ( 145