________________ इय दहतियसंजुत्तं, वंदणयं जो जिणाण तिकालं / / कुणइ नरो उवउत्तो, सो पावइ सासयं ठाणं . // 36 // पुप्फा-मिस-थुइभेया, तिविहा पूया अवत्थतिययं तु / .. .. होइ छउमत्थकेवलि-सिद्धत्तं भुवणनाहस्स // 37 // वण्णाइतियं तु पुणो, वण्णत्थालंबणसरूवं तु / मणवयणकायजणियं, तिविहं पणिहाणमवि होइ / // 38 // मुद्दातियं तु इत्थं, विनेयं होइ जोगमुद्दाए / हरिभद्दसूरिविरइय-गंथम्मि इमं जओ भणियं // 39 // पंचंगो पणिवाओ, थयपाढो होइ जोगमुद्दाए / वंदणं जिणमुद्दाए, पणिहाणं मुत्तसुत्तीए // 40 // दो जाणु दोन्नि करा, पंचमंगं होइ उत्तमंगं तु / सम्मं संपणिवाओ, ते पंचंगपणिवाओ. // .41 // अन्नोन्नतरियंगुलि-कोसागारेहिं दोहिं हत्थेहिं / ' पिट्टोवरि कुप्पर-संठिएहिं तह जोगमुद्द त्ति // 42 // चत्तारि अंगुलाइं, पुरओ ऊणाई तत्थ पच्छिमओ / पायाणं उस्सग्गो, एसा पुण होइ जिणमुद्दा // 43 // मुत्तासुत्तीमुद्दा, समा जहिं दो वि गब्भिया हत्था / ते पुण निलाडदेसे, लग्गा अन्ने अलग्ग त्ति // 44 // पयडो सेसतियत्थो, तत्तो नाऊण एय तियदसगं / सम्मं समायरंतो, विहिचेइयवंदगो होइ // 45 // साहूण सत्तवारा, होइ अहोरत्तमज्झयारम्मि / गिहिणो पुण चिइवंदण, ति य पंच व सत्त वा वारा // 46 // पडिक्कमणे चेइयहरे, भोयणसमयम्मि तहय संवरणे / . पडिक्कमणसुयणपडिबोह-कालियं सत्तहा जइणो . // 47 // 132