________________ कुसुम-क्खय-धूवेहि, दीवय-वासेहिं सुंदरफलेहिं / पूया पयसलिलेहिं, अट्ठविहा तस्स कायव्वा // 24 // गुरुकारियाए केइ, अन्ने सयकारियाए तं बिति / विहिकारियाए अन्ने, पडिमाए पूयणविहाणं // 25 // सुत्तभणिएण विहिणा, गिहिणा णिव्वाणमिच्छमाणेण / लोगुत्तमाण पूया, निच्चं चिय होइ कायव्वा // 26 // आसन्नसिद्धियाणं, विहिपरिणामो उ होइ सयाकालं / विहिचाओ अविहिभत्ती, अभव्वजियदुरभव्वाणं // 27 // धन्नाणं विहिजोगो, विहिपक्खाराहगा सया धना / विहिबहुमाणिणो धन्ना, विहिपक्खअदुसगा धन्ना // 28 // इय आगमविहिपुव्वं, भत्तिभरुल्लसियबहलरोमंचा / तं भुवणवंदणिज्जं, वंदह परमाए भत्तीए पंचविहाभिगमेणं, पयाहिणतिगेण पूयपुव्वं च। पणिहाणमुद्दसहिया, विहिजुत्ता वंदणा होति. // 30 // दव्वाण सचित्ताणं, विऊसरणमचित्तदव्वमणुसग्गो / मणएगत्तीकरणं, अंजलिबंधो य दिट्ठिपहे // 31 // तह एगसाडएणं, उत्तरसंगेण जिणहरपवेसो / पंचविहोभिगमो इय, अहवा वि य अन्नहा एसो // 32 // अवहट्ट रायककुहाई पंच वररायककुहरूवाई / खग्गं छत्तो-वाणह-मउडं तह चामराओ य तिनि निसीहि तिन्नि य पयाहिणा तिन्नि चेव य पणामा / सिविहां पूया य तहा, अवत्थतियभावणं चेव // 34 // तिदिसिनिरिक्खणविरई, तिविहं भूमिपमज्जणं चेव / वण्णाइतियं मुद्दा-तियं च तिविहं च पणिहाणं // 35 // 131