________________ // 782 // // 783 // // 784 // // 785 // // 786 // // 787 // ते हु पमत्ता पायं, काउस्सग्गेण बोहिया धणियं / पडिउज्जमंति फुडपा-डिहेरकरणे ददुच्छाहा सुव्वइ. सिरिकताए, मणोरमाए तहा सुभद्दाए। अभयाईणं पि कयं, सन्नेज्झं सासणसुरेहि संघुस्सग्गा पायं, वड्डइ सामथमिह सुराणं पि। जह सीमंधरमूले, गमणे माहिलवियायम्मि जक्खाए वा सुव्वइ,, सीमंधरसामिपायमूलम्मि / नयणं देवीएँ कयं, काउस्सग्गेण सेस्राणं एमाइकारणेहिं, साहम्मियसुरवराण वच्छल्लं / पुव्वपुरिसेहिं कीरइ, न वंदणाहेउमुस्सग्गो पुव्वपुरिसाण मग्गे, वच्चंतो नेय चुक्कइ सुमग्गा / पाउणइ भावसुद्धि, मुच्चइ मिच्छाविमप्पेहि पारियकाउस्सग्गो, परमेट्ठीणं च कयनमोक्कारो / वेयावच्चगराणं, देज्ज थुइं जक्खपमुहाणं कयसिद्धनमोक्कारो, पुणो वि पणिवायदंडगाईयं / बीयथुइजुयलएणं, पुट्विं पिव वंदणं कुणइ पुणरुत्तं पि न दुटुं, दट्ठव्वमिणं जिणागमन्नुहिं / . जिणगुणथुइरूवत्ता, कम्मक्खयकारणत्तेण सइ चित्तसमाहाणे, अहियं पि जिणेदवंदणं सेयं / कम्मक्खयहेउत्ता, पंचनमोक्कारगुणणं व भणियं च पव्वदिवसे, पत्तेयं चेइयाइँ सव्वाई।। समणेहिँ सावएहिँ य, सत्तीए वंदणिज्जाइं जह विसविघायणत्थं, पुणो पुणो मंतमंतणं सुहयं / तह मिच्छत्तविसहरं, विनेयं वंदणाई वि . 118 // 788 // // 789 // // 790 // // 791 // // 792 // // 793 //