________________ धम्मो इह सुयधम्मो, आइगरा होति तस्स तित्थयरा / ते उ नमसामि अहं, वंदामि विसुद्धचित्तेणं . // 662 // धम्माइगरे एवं, थोऊण सुयस्स संथवं कुणइ / ... तमतिमिरपड़लविद्धंसणस्स एगाएँ गाहाए // 663 // तत्थ तमो अन्नाणं, रूविज्जइ तम्मि तिमिरपडलं व / / विद्धंसणो विणासी, तस्स उ जिणभणियसिद्धंतो // 664 // तस्स त्ति सुरा पयडा, गणो य संघो फुड च्चिय नरिंदो / तेहि महियस्स परिपूइयस्स गुरू भत्तिराएण // 665 // सीमा मेरा तं जो, धरई धम्मस्स तह.अहम्मस्स / तं वंदे भत्तीए, छट्ठविभत्ती उ बीयत्थे // 666 // पप्फोडियमइसयचुन्नियं ति जेणेह मोहमहजालं / वंदे तं सिद्धतं, अंहवा तस्सेव माहप्पं // 667 // जाइ ति मासनवगं, गब्भे वसिऊण गरुयदुक्खेणं / नेरइयस्स व घडियालयाओ जीवस्स णिग्गमणं // 668 // होइ जरा वुड्डत्तं, ववसायपहुत्तरूवबलमहणी / जा परिभवदवदटुं, जीवंतमयं जणं कुणइ // 669 // मरणं पुण पंचत्तं, भयंकरं सयलजीवलोयस्स / निययमनायागमणं, दुहावहं वेरिचक्कं व // 670 // सोओ मण-देहाणं, संतावयरो जणस्स परिणामो / धणहरण-बंधुमरणाइसंभवो भवभमनिमित्तं // 671 // एएसिमणिट्ठाणं, पणासणो जो जिणेदसुयधम्मो / . तस्सोवलब्भ सारं, एमाइपयाण संबंधो 672) असुहनिवारणसत्ता, पाएणएण तस्स निद्दिट्ठा / सुहसंपयाण सत्ती, भन्नइ तीएण पाएण // 673 // 108