________________ कुच्छिगए जिणनाहे, देवीएँ पभावईऍ उप्पन्नो / वरसुरहिमल्लसयणम्मि डोहलो तेण मल्लिजिणो // 602 // मुणइ तिकालावत्थं, जयस्स जं सो भवे मुणी तेण / / सोहणवएहिं जुत्तो, त्ति सुव्वओ पयदुगं नामं // 603 // जइ वि हु सव्वे एवंविह त्ति तह वि हु इमम्मि गब्भगए / जाया जणणी जं सुव्वय ति मुनिसुव्वओ तम्हा // 604 // उत्तमगुणगणगरुयत्तणेण नमिया सुरासुरा जम्हा / चलणेसु भुवणगुरू णो, तेण नमी भन्नए भयवं // 605 // तह वि विसेसनिमित्तं, विजयनरेंदस्स मंदिरे सोउं / विवुहनिवहेहि विहियं, सुयजम्ममहामहं रम्म // 606 // ईसा-मच्छरगुरू यत्तणेण आगामिपरिभवभयाओ.। रुद्धा पंच्चतियपत्थवेहि तुरियं पुरीमहिला // 607 // वड्डियचिंते लोए, विजयनरिंदम्मि वाउलीभूए / मूढम्मि मंतिवग्गे, अइघोरे कोट्टरोहम्मि . // 608 // चिंतइ वप्पाएवी, सुरवइमहियस्स मज्झ तणयस्स / मज्झण्हदिणयरस्स व, तेयं विसहंति कह रिउणो ? // 609 // तम्हा दंसेमि इमं, गोसे सव्वेसि दुट्ठराईणं / पणमंति पलायंति व, सर्यराहं जेण सव्वे वि // 610 // मग्गाणुसारिपरिणामियाएँ बुद्धीए भाविऊणेवं / उच्छंगधरियबाला, सूरुदए सालमारूढा // 611 // दह्ण जिणवरेंद, रायाणो माण-मच्छरविउत्ता / पणमंति पणयसारं, सेवगभावं पवनंति // 612 // जं नमिया सयलनिवा, जिणस्स अच्चंतबलसमुनद्धा / तेण विजएण स्ना, नमि त्ति नामं विणिम्मवियं // 613 // 103