________________ नाणं जेण अणंतं, बलं च विरियं च सासयसुहं च / तेण जिणेंदोडनंतो(नऽनो), अन्नं पि हु कारणं अत्थि // 590 // जम्हाऽवयारसमए, जएकनाहस्स दिट्ठमंबाए। : रयणविचित्तमणंतं, दामं सुमिणे तओडणंतो . // 591 // धम्मफलभूयरूवाइगुणगणो धम्मदेसओ सो सो। . पच्चक्खो धम्मो इव, भन्नइ धम्मो जिणो तेण . // 592 // अहिओ धम्मुच्छाहो, जाओ जणणीए तम्मि उअरत्थे / तुट्टेण तेण पिउणा, जिणस्स धम्मो कयं नाम // 593 // संती पसमो भन्नइ, अव्वइरित्तो य तीए तो सन्ती / .. रागद्दोसविउत्तो, भावत्थो होइ एयस्स // 594 // अन्नं पि एत्थ कारणमिमस्स नामस्स गयउरे नयरे / जायं महंतमसिवं, खुद्दसुरकोवदोसेण // 595 // अइरादेवीउयरे, अवयरिए सोलसम्मि तित्थयरे / असिवं ज्झत्ति पणटुं, तिमिरं व समुग्गए सूरे // 596 // जाया पुरम्मि संती, तत्तो तुटेण वीससेणेणं / संति त्ति कयं नामं, तिलोयचूडामणिजिणस्स // 597 // रयणमयमहाथूभं, दगुण घरंगणागयं सुमिणे / ' जं पडिबुद्धा देवी सुयस्स कुंथू कयं नाम // 598 // नो राइ नो पयच्छइ, सावं वाऽणुग्गहं च जीवाणं / राग-द्दोसविउत्तो, होइ जिणेदो अरो तेण // 599 // उत्तमरहंगजोगो, लद्धो सुमहारिओ अरो सुविणे / . जणणीए तेण कयं, अरो त्ति नामं जिणेदस्स . // 600 // मोहाइमल्लमहणो, विज्जइ मल्लो परिग्गहे जम्हा / सुक्कज्झाणऽभिहाणो, मन्नइ तम्हा जिणो मल्ली . // 601 // 102