________________ सयमेवागम्म सुराहिवेण संपूइया तओ जणणी / वद्धाविया य भुवणेक्कभाणुतणयस्स लाभेणं // 554 // तद्दियहं चिय सहसा, समत्थसत्थेहि धन्नपुन्नेहिं / सव्वत्तो इंतेहिं, सुहं सुभिक्खं तहिं जायं संभवियाई जम्हा, समत्तसस्साई संभवे तस्स / तो संभवो ति नामं, पइट्ठियं जणणि जणएहिं // 556 // अभिणंदइ आणंदइ, रूवाइगुणेहि तिहुयणं सयलं / अभिणंदणो जिणो तो, अन्नं पि हु कारणं बीयं // 557 // गब्भगए तम्मि जओ, जणणीमच्चंतभत्तिसंजुत्तो / अभिनंदइ अभिक्खं, सक्को अभिणंदणो तेण // 558 // पावायारनिमित्ता, मोक्खाभिमुहा सुहा मई जस्स / सो सुमई तित्थयरो, जइ एवं सुमइणो सव्वे // 559 // अचिरागयवणिमरणे, दोण्ह सवत्तीण दारओ एगो / बालगहग्गह दोण्ह वि, ववहारो मेहनिवपुरओ // 560 // स्त्रो चिंताइसओ सगे-यरा कहमिमीण विनेया / चिंताकारणपुच्छा, देवीए राइणो कहियं // 561 // तीएँ भणियाओ ताओ, पुत्तं वित्तं च कुणह दोभाए / पडिवनममायाए, मायाए जंपियं देवि ! // 562 // मा माऽऽणवेसु एवं, दव्वं सव्वं पि देहि एयाए / अप्पेहि मज्झ पुत्तं, जीवंतं जेण पेच्छामि // 563 // एसा सग त्ति नाउं, पुत्तो वित्तं च तीइ दिनाई / निद्धाडिया य इयरी, स्ना अलिय त्ति कुविएण // 564 // गब्भगए जं जाया, मंगलदेवीएँ एरिसा सुमई। . तुटेण ततो स्ना, जिणस्स सुमई कयं नामं // 565 //