________________ एवं परिभावंतो, पाए पाए पवत्तवीसामो / चउवीसत्थयसुत्तं, पढइ ठिओ जोगमुद्दाओ // 506 // एगो एत्थ सिलोगो, छक्कं गाहाण होइ विनेयं / तह पायपमाणाओ, अट्ठावीसं च विरईओ // 507 // एत्थं पुण अरिहंते, कम्मपयं कित्तइस्समिइ किरिया / एयारो पुण सिद्धो, बीयविभत्तीए बहुवयणं // 508 // ए होइ अयारते, एयम्मि बीयाए बहुसु पुंलिंगे। तह तइयाछट्ठीसत्तमीणमेगम्मि महिलत्थे // 509 // तावितीए अमित्ते, तुह असिलट्ठीए पत्थिव ! रणम्मि / निव्वावंतीऍ मणं, विप्फुरियं निययसेणाए // 510 // अट्ठविहपाडिहेरं, जम्हा अरहंति तेण अरिहंता / / लोगस्सुज्जोयगरा, एयं तु विसेसणं तेसि // 511 // नामाइभेयभिन्नो, लोगो बहुहा जिणागमे भणिओ / पंचत्थिकायरूवो, घेत्तव्वो एत्थ पत्थावे // 512 // उज्जोओ वि हु दुविहो, नायव्वो दव्वभावसंजुत्तो / दव्वे चंदाइकओ, केवलनाणुब्भवो भावो // 513 // दव्वुज्जोउज्जोओ, पहा पयासेइ परिमियं खेत्तं / भावुज्जोउज्जोओ, लोयालोयं पयासेइ // 514 // लोगस्सुज्जोयगरा, दव्वुज्जोए य न हुजिणा होति / भावुज्जोयकरा पुण, होति जिणवरा चउव्वीसं // 515 // . * दव्वे वत्थुसहावो, धम्मो गम्माइणं च ववहारो। कुप्पावयणगओ वा, भावे सुय-चरणरूवो त्ति // 516 // दोग्गइगमणपवत्तं, जीवं-धारेइ धरइ मुद्धाणे / तो होइ भावधम्मो, सो नऽन्नो नाणचरणाणं // 517 // 65