________________ // 37 // // 38 // // 39 // // 40 // // 41 // तवसुत्तविणयपूया न संकिलिट्ठस्स हुंति ताणाय / खवगागमि विणयरया कुंतलदेवी उदाहरणं मूढा अणाइमोहा तहा इत्थ संपयटुंता / तं चेव य मन्त्रंता अवमन्नंता न याणंति सुत्तेण चोइओ जो अण्णं उद्दिसिय तं न पडिवज्जे / सो तंतवायबज्झो न होइ धम्मम्मि अहिगारी सुयबल्झाचरणरया पमाणयंता तहाविहं लोगं / भुवणगुरुणो वराया पमाणयं नावगच्छंति तह कह वि संफ्यट्टो कालवसा जणवओ अमग्गम्मि / जह रायपहपयट्टाण आणए हंदि वयणिज्जं अवियाणियपरमत्था निक्कारणरुट्ठदुट्ठजणवयणं। . तत्तंति मुणिय मूढा लुणंति जीहाइ ही डब्भं दसमच्छेरयवसओ मिच्छत्तच्छाइए बहुजणम्मि। .. उल्लसिरमासरासिग्गहविधुरे जिणवरमयम्मि . गुरुदेवुग्गहभूमीए जत्तओ चेव होइ परिभोगो। इट्ठफलसाहगो सइ अणिट्ठफलसाहगो इहरा दुब्भिगंधमलस्सा वि तणुरप्पेसऽण्हाणिया। उमओ वाउवहो चेव तेण टुंति न चेइए जइ वि न आहाकम्मं भत्तिकयं तह वि वज्जयंतेहिं / मत्ती खलु होइ कया इहरा आसायणा परमा आसायण मिच्छत्तं आसायणवज्जणा य सम्मत्तं / आसायणानिमित्तं कुव्वइ दीहं च संसारं . इच्चाइ सुत्तमवमनिऊण अवगण्णिऊण परलोयं / कूसभिग्गहियमहामिच्छादिट्ठीहिं पावेहि 20. // 42 // // 43 // // 44 // // 45 // // 46 // // 47 //