________________ अरिहंतचेइयाणं सिद्धायरियाइ सव्वसाहूणं / . आसायणं अवन्नं धहयसु तहा पुज्जदव्वाणं // 151 // चमरिंदो जिणसरणो जिणदाढासायणं च छड्डेइ / जिणपडिमासायणओ पुव्वभवे अंजणा दुहिया // 152 // आया सुही भवइ झाणसरूवनाणो सो राजसो(से)हरनिवुच्च(व्व)य अट्टझाणो / दो चक्किणु व्व नरए पुण रुद्दझाणो आया सुही भवइ धम्मसरूवझाणो , // 153 // जह विणु रसेण सस्सं विणा रसिंदेण धातुसिद्धी य / ..... दाणाइधम्मकिच्चं अहलं तं तह विणा भावं // 154 // सुरनरपहूण सेवा विज्जामंताइ लोयकिच्चाई / सिझंति भावओ खलु ताणं न फलं च भाव विणा // 155 // भावा भवे केवलनाणलद्धी, भावेण वा सव्वपयत्थसिद्धी / सुहावहा तेण उ भावसुद्धी सव्वाण भावा किरियाण सुद्धी 156 जं सुहलेसं किच्चं अज्झवसाएण होइ जं सुद्धं / जं च सुहभावहेऊ सो धम्मो एस परमत्थो // 157 // कविलमुणी सुहभावो केवलनाणी इलाइपुत्तो य / खंदगसीसा य तहा केवलिणो ते वि सुहभावा // 158 // मासतुसो सुहभावो केवलनाणी य कूरगड्डओ। राया पसन्नचंदो सीसो तह चंडरुद्दस्स। सुहभावा मरुदेवी समराइच्चो य केवलं नाणं / पत्ता चंदणबाला मिगावई ताण तिविह नमो // 160 // सन्नाणदंसणचरित्ततवोवहाणो एयाई काममणु सिद्धिपयाइं निच्चं / 22