________________ एसो जिणेहिं भणिओ अणंतनाणीहिं भावणामइओ / धम्मो उ भीमंभववण-सुजलियदावानलब्भूओ // 119 // निच्चं मणे समगुणेहिं पवड्डमाणो, जो भाविऊण य जिणाण गुणोवहाणो / आया सुही समजिणाण नमसमाणो दिटुंतओ य रणसीहसुयप्पहाणो // 120 // जिणभत्ती सिवगंती जिणभत्ती दुरियदुग्गवहदंती / तित्थयरत्तपवित्ती जेहिं कया ताण सुहपंती // 121 // निरत्थया ताण नरप्पसूती जिणाण जेहिं न कया सुभत्ती / धन्ना य सा दुव्वयरायपुत्ती जीए जिणच्चाण कया सुजुत्ती॥ 122 // हवइ जिणाणं भत्ती परित्तसंसारबीयसुधरित्ती / . जह सूरियाभसुरवर-दसण्णभदस्स सुहपंती // 123 // तित्थंकराण वरणंतगुणाण झाणो, आया सुही थयथुइं च पकुव्वमाणो अट्ठावयाइवरतित्थपवड्डमाणो, सो गोयमु व्व सुहभावविसुज्झमाणो // 124 ठविया समजिणमुत्ती सव्वजिणाणं समाणसुविभत्ती / वविया य सत्तखित्ती तेसि भरहु व्व सुहदित्ती // 125 // नरजम्मसमुप्पत्ती चउदसरयणाइरज्जसंपत्ती / सहला य ताण कित्ती भर्मइ जए अज्ज अणिवित्ती // 126 // सर दुविहं वरचरणं देसे सव्वे य पावपरिहरणं / पंचमहव्वयधरणं विहिणा जुग्गस्स सुवितरणं // 127 // नवकप्पेण विहरणं गुरुकुलवसणं पमायपरिहरणं / हीणायारावरणं जिणोवएसेण संचरणं // 128 // जसव्वनाणी पभणेइ किच्चं समक्खियं तं न करेइ सच्चं / बं लोगजत्तासु रओसि निच्चं पुण्णं तओ ते उदरं अणिच्चं 129 259