________________ जो मरणम्मि वि पत्ते वयं न सिढिलेइ नियय-सत्ताओ / सो जिणदेव-सरिच्छो वच्चइ अयरामरं ठाणं // 96 // जाई-कुल-परिहीणा गहियं पि वयं पुणो वि मुंचंति / जह संगमओ दासो अणुमइया जह य दासि त्ति // 97 // संपत्त-महावसणो धम्म सेविज्ज तेयलि-सुय व्व / अपमायं मा मुंचसु दिटुंतो मगहगणियाए . // 98 // . महावीर-गणधर-संस्तवः उसभाइ-जिणिदाणं सव्वेसिं गणहरे य थेरे य / . पढमाणुओग-भणिया अह भणिमो वीरनाहस्स // 99 // नमिऊण महावीरं सह सुयदेवीए गणहरे थुणिमो। देसाओ(ऊ)जणय-जणणी-कम-नाम-त्थएण सुय-विहिणा॥१००॥ पुहई-वसुभूई-सुओ गणहारी जयइ इंदभूइ त्ति / बाणउई-वासाऊ गोव्वरगामुब्भवो पढमो . // 101 // पुहवी-वसुभूइ-सुओ गणहारी जयइ अग्गिभूइ त्ति / चउहत्तरिवासाऊ गोव्वरगामुब्भवो बीओ // 102 // पुहई-वसुभूइ-सुओ गणहारी जयइ वाउभूइ त्ति / इह सत्तरिवासाऊ गोव्वरगामुब्भवो तइओ // 103 // कोल्लाग-सन्निवेसे उप्पण्णो जयइ गणहर-चउत्थो / धारिणि-धणमित्त-सुओ असीइ-वरिसाउओ वुत्तो // 104 // भद्दिल-धम्मिल-तणओ गणहारी जयइ पंचम-सुहम्मो / .. कोल्लाग-सन्निवेसे उप्पण्णो वरिस-सय-जीओ // 105 // धणदेव-विजयदेवाइ नंदणो जयइ मंडिओ छ8ो / तेसीईवरिसाऊ मोरियदेसुब्भवो भयवं // 106 // 228