________________ इक्कस्स कओ धम्मो?, सच्छंदगईमईपयारस्स। किं वा करेइ इक्को?, परिहरउ कहं अकज्जं वा? // 156 / / कत्तो सुत्तत्थागम, पडिपुच्छण चोयणा व इक्कस्स। विणओ वेयावच्चं, आराहणया य मरणंते ? // 157 // पिल्लिज्जेसणमिक्को, पइन्नपमयाजणाउ निच्च भयं। . काउमणो वि अकज्जं न त काऊण बहुमज्झे .. // 158 // उच्चार-पासवण-वंतपित्तमुच्छाइमोहिओ इक्को / सद्दवभाणविहत्थो, निक्खिवइ व कुणइ उड्डाहं - // 159 // एगदिवसेण बहुआ सुहा य असुहा य जीवपरिणामा। इक्को असुहपरिणओ, चइज्ज आलंबणं लद्धं // 160 // सव्वजिणप्पडिकुटुं, अणवत्था थेरकप्पभेओ अ। इक्को असुआउत्तो वि हणइ तवसंजमं अईरा // 161 // वेसं जुण्णकुमारिं, पउत्थवइअं च बालविहवं च / पासंडरोहमसई, नवतरुणि थेरभज्जं च // 162 // सविडंकुब्भडरूवा, दिट्ठा मोहेइ जा मणं इत्थी। आयहियं चिंतंता, दूरयरेणं परिहरंति // 163 // सम्मद्दिट्ठी वि कयागमो वि अइविसयरागसुहवसओ। भवसंकडम्मि पविसइ, इत्थं तुह सच्चई नायं // 164 // सुतवस्सियाण पूया, पणाम-सक्कार-विणयकज्जपरो / बद्धं पि कम्ममसुहं, सिढिलेइ दसारनेया व // 165 // अभिगमण-वंदण-नसणेण पडिपुच्छणेण साहूणं / चिरसंचियं पि कम्मं खणेण विरलत्तणमुवेइ // 166 // केइ सुसीला सुहमाइ सज्जणा गुरुजणस्स वि सुसीसा। विउलं जणन्ति सद्धं, जह सीसो चंडरुद्दस्स // 167 // 14 दूरचरण पारहरति