________________ सुन्नमणो वियलत्तं, पाउणइ कमेण लहइ निहणं पि / अत्तुक्करिसाओ वि हु, ता को अन्नो वि इह सत्तु // 368 // केणावि अकयपुव्वं; असुयमदिर्बु अचिंतणिज्जं च / जइ कि पि कीरइ जए, अत्तुक्करिसो वि ता होउ // 369 // अमयमयकंततणुणो, आणंदियसयलजीवलोगस्स / चंदस्स जइ कलंको, अवणिज्जइ होउ ता गव्वो // 370 // भूओवमद्दरहिएहिं, नीइघडिएहिं निययविहवेहि / मोइज्जइ भुवणजणो, रिणाउ जइ होउ ता गव्वो // 371 // गेहेसु गहिरसत्थत्थ-सत्थ-कुसलाण जइय विउसाणं / आचंदं हुज्ज सिरि, थिरीकया होउ ता गव्वो // 372 // तिहुयणमणविलसिर-मणोरहायऽखंडणुड्डमरो / खलिओ अकालमच्चू, जणस्स जइ होउ ता गव्वो // 373 // दक्खा दक्खिन्नपरा, परोवयारी पियंवया सरला।. अजरामराय सुयणा, जइ विहिया होउ ता गव्वो // 374 // इच्चाइ कि पि असरिसम-पयासिय-नियय-चरिय-मच्छरियं / जो तिणमिव नियइ जणं, को अन्नो तिणसमो तत्तो // 375 // किरिया कायकिलेसो, सुयं च सीलं तवो जवो सयलं / विहलं इक्कपइ चिय, अत्तुक्करिसं वहंतस्स // 376 // लोयाववायभीरु, निउणो निदेउ मा परं सक्खा। जइ पयडइ अप्पथुई, ता सो परनिंदओ नूणं // 377 // परनिंदा पुण भणिया, जिणेहिं जियरागदोसमोहेहि / . कुगइगमणमूलबीयं, सपरेसि कसायहेउ त्ति // 378 // धनां विनायजहुत्त-तत्तपरिचत्तउक्करिसा। पसमामयरससित्ता हवंति, सुहिणो भव दुगे वि // 379 // . 187