________________ सुअचरणवसहजुत्तो, आवस्सयदाणमाइपत्थयणो। निच्छयववहारचक्को दंसणरहु नेइ जणु सिद्धि // 2 // 40 // साडोवमणाडोवं जहोसहं अप्पबहुगुणं चउहा। सावज्जऽणवज्जाइअभेएहिं तहेव धम्मो वि // 2 // 41 // अप्पं बहुं जहोसहमप्पबहुगुणं(जणे) भवे चउहा। एवं विसुद्धिभेआ धम्मो पावं विवज्जयओ // 2 // 42 // विज्जा 1 चक्कि 2 रसे 3 यर 4 चूअतरु 1 सालि 2 विज्जयाणि 3 जहा। सिग्घाऽसिग्घफला तह नियमाइजुआऽजुआ धम्मा // 2 / 43 // जह चक्किचम्मसाली तक्कालं फलइ अक्खाया होई / इअ सत्तभावसुद्धो, धम्मो इअरो इअरसाली // 2 // 44 // जिणतित्थं 1 जिणभत्तो राया 2 मंती 3 व सावओ बलवं 4 / साइसओ चारित्ती 5 पंचुज्जोआ जिणमयम्मि // 2 // 45 // (अपर तटे, प्रथमोऽशः) जयश्रियो 1 ऽनर्गलमंगलावली: 2, ससौख्यसौभाग्यसुदीर्घजीविता: 3 अभीष्टसिद्धिः 4 सुधियश्च 5 संपदो 6, ददाति धर्मो भविनां जिनोदितः स्फुरन्ति वेश्मन्यभितः श्रियोऽर्थिता 1,.. मुखे गिरः 2 श्लाघ्यतमा धियो हृदि 3 / तनौ च सौभाग्यरमा 4 सयोर्बलं 5, . यशांसि दिक्ष्वा.६ ऽऽर्हतधर्मतः सताम् // 32 // सेकलमंजुलमंगलमालिकं, वितनुते 1 चिनुते सुखसंपदः 2 / हरति विघ्नचयं 3 कुरुते शिवं 4, मतिमतां जिनधर्मसुरद्रुमः।। 3 / 3 // मंगलानि 1 श्रियोऽभीष्टा 2 रूप 3 मायु 4 बैलं 5 यशः 6 / प्रभुत्व 7 मिष्टसिद्धिश्च 8, धर्मकल्पतरोः फलम् . . 141 // 3 // 4 //