________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // कोडीसएहिं धणसंचयस्स गुणसुभरियाएँ कन्नाए / न वि लुद्धो वयररिसी, अलोभया एस साहूणं अंतेउरपुरबलवाहणेहि वरसिरिधरेहिं मुणिवसहा / कामेहिं बहुविहेहि य, छंदिज्जंता वि नेच्छंति छेओ भेओ वसणं, आयासकिलेसभयविवागो अ। मरणं धम्मभंसो, अरई अत्थाउ सव्वाइं दोससयमूलजालं, पुव्वरिसिविवज्जियं जई वंतं / अत्थं वहसि अणत्थं, कीस अणत्थं तवं चरसि ? वहबंधणमारणसेहणाओ काओ परिग्गहे नत्थि। तं जइ परिग्गहुच्चिय, जइधम्मो तो नणु पवंचो किं आसि नंदिसेणस्स कुलं जं हरिकुलस्स विउलस्स / आसी पियामहो सच्चरिएण वसुदेवनामु त्ति विज्जाहरीहिं सहरिसं, नरिंददुहियाहि अहमहंतीहिं / जं पत्थिज्जइ तइया, वसुदेवो तं तवस्स फलं सपरक्कमराउलवाइएण सीसे पलीविए निअए / गयसुकुमालेण खमा, तहा कया जह सिवं पत्तो रायकुलेसु वि जाया, भीया जरमरणगब्भवसहीणं। साहू सहति सव्वं, नीयाण वि पेसपेसाणं . पणमंति य पुव्वयरं कुलया, न नमंति अकुलंया पुरिसा / पणओ इह पुव्विं जइजणस्स जह चक्कवट्टिमुणी जह चक्कंवट्टिसाहू सामाइअसाहुणा निरुवयारं। भणिओ न चेव कुविओ, पणओ बहुअत्तणगुणेणं ते धन्ना ते साहू, तेसिं नमो जे अकज्जपडिविरया। धीरा वयमसिहारं, चरंति जह थूलिभद्दमुणी - 5 // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //