________________ // 327 // // 328 // // 329 // // 330 // // 331 // दसविहभवणवईणं भवणाणं होंति सव्वसंखाए.। कोडीओ सत्तबावत्तरीए लक्खेहिं अहियाओ ताई पुण भवणाई बाहिं वट्टाइं होंति सयलाई। अंतो चउरंसाई उप्पलकन्नियनिभा हेट्ठा सव्वरयणामयाइं अट्टालयभूसिएहिं तुंगेहिं / जंतसयसोहिएहिं पायारेहिं व गूढाई गंभीरखाइया परिगयाइं किंकरगणेहिं गुत्ताई। दिप्पंतरयणभासुर निविट्ठ गोउरकवाडाइं / दारपडिदारतोरणचंदणकलसेहिं भूसियाई च / रयणविणिम्मियपुत्तलियखंभसयणासणेहिं च फलिहाइ रयणरासीहिं दिप्पमाणाहिं सोमकंताहिं। सव्वत्थ विइन्नदसद्धवन्न कुसुमोवयाराई ' बहुसुरहिदव्वमीसियसुयंध गोसीसरसनिसित्ताई। हरियंदणबहलथबक्कदिन्नपंचंगुलितलाई डझंतदिव्वकुंदुरूक्ककिण्हागरुमघमघंतगंधाई / - वरगंधवट्टिभूयाई सयलकामत्थ कलियाई पुक्खरिणीसयसोहिय उववणउज्जाणरम्मदेसेसु / सकलत्तामरनच्चिरवरविहियकीलासहस्साई ठाणाठाणारंभियगेयझुणिदिन्नसवणसोक्खाई / वजंतवेणुवीणामुइंगरवजणियहरिसाइं हरिसुत्तालपणच्चिरवलयविहूसियवरच्छरसयाई / निच्चं पमुइयसुरगणसंताडियदुंदुहिरवाई दसदिसिविणिग्गयामलसमहियतेएण दुरवलोयाई। बहुपुन्नपावणिज्जाइं पुन्नजणसेवियाई च // 333 // // 334 // // 335 // // 336 // // 337 // .. // 338 // 11