________________ वड्ढइ घरे कुमारी बालो तणओ न विढप्पइ अत्थे। रोगबहुलं कुडुम्बं ओसहमोल्लाइयं नत्थि // 303 / / उक्कोया मह घरिणी समागया पाहुणा बहू अज्ज / जिन्नं घरं च हट्टं झरइ जलं गलइ सव्वं पि // 304 // कलहकरी मह भज्जा असंवुडो परियणो पहू विरुवो। देसो अ धारणिज्जो एसो वच्चामि अन्नत्थ // 305: // जलहिं पविसेमि महिं भमामि धाउं धमेमि अहवा वि। विज्जं मंतं साहेमि देवयं वा वि अच्चेमि // 306 // जीवइ अज्ज वि सत्तू मओ य इट्ठो पहू य मह रुट्ठो। दाणिग्गहणं मग्गंति विहविणो कत्थ वच्चामि ? // 307 // इच्चाइमहाचिंताजरगहिया निच्चमेव य दरिदा। किं अणुहवंति सोक्खं ? कोसंबीनयरिविप्पो व्व // 308 // इय विहवीण दरिदाण वा वि तरुणत्तणे वि किं सोक्खं ? / दुहकोडिकुलहरं चिय. वुड्ढत्तं नूण सव्वेसिं . // 309 // एयस्स पुण सरूवं पुल्विं पि हु वन्नियं समासेणं / वोच्छामि पुणो किंचि वि ठाणस्स असुन्नयाहेडं // 310 // थरहरइ जंघजुयलं झिज्झइ दिट्ठी पणस्सइ सुई वि।। भज्जइ अंगं वाएण होइ सिंभो वि अइपउरो // 311 // लोयम्मि अणाएज्जो हसणिज्जो होइ सोयणिज्जो य / चिट्ठइ घरम्मि कोणे पडिउं मंचम्मि कासंतो // 312 // वुड्ढत्तम्मि य पुत्ता भज्जा धूया वधूयणो वा वि / जिणदत्तसावगस्स व पराभवं कुणइ अइदुसहं // 313 // चउसु पि अवत्थासुं इय मणुएसुं विचिंतयंताणं। नत्थि सुहं मोत्तूणं केवलमभिमाणसंजणियं // 314 // 114