________________ हत्थे पाए ऊरू बाहु सिरा तह य अंगुवंगाणि। छिदंति असी असिमाइएहिं निच्चं पि निरयाणं // 111 // पत्तधणुनिरयपाला असिपत्तवणं विउव्वियं काउं। दंसंति तत्थ छायाहिलासिणो जंति नेरइया // 112 // तो पवणचलित-तरुनिवडिएहिं असिमाइएहि किर तेसिं / कण्णो?नासकर-चरणऊरूमाइणि छिदंति // 113 / / कुंभेसु पयणगेसु य सुंठेसु य कंदुलोहिकुम्भीसु / कुम्भीओ नारए उक्कलंततेल्लाइसु तलंति ' // 114 // तडयडरवफुटुंते चणय व्व कयंबवालुया नियरे / भुंजंति नारए तह वालुयनामा निरयपाला // 115 // वसुपूयरुहिरकेसट्ठिवाहिणि कलयलंतजउसोत्तं / वेयरणिं नाम नइं अइखारुसिणं विउव्वेउं' // 116 // वेयरणि नरयपाला तत्थ पवाहंति नारए दुहिए। आरोवंति तर्हि पिहु.तत्ताए लोहनावाए // 117 // नेरइए चेव परोप्परं पि परसुहिं तच्छयंति दढं। . करवत्तेहि य फाडंति निद्दयं मज्झमज्झेण // 118 // वियराल वज्जकंटयभीममहासिंबलीसु य खिवंति।। पलवंते खरसदं खरस्सरा निरयपाल त्ति // 119 // पसुणो व्व नारए वहभएण भीए पलायमाणे य। महघोसं कुणमाणा रुंभंति तर्हि महाघोसा // 120 // तह फालिया वि उक्कत्तिय वि तलिया वि छिन्नभिन्ना वि। . दड्ढा भुग्गा मुडिया य तोडिया तह विलीणा य // 121 / / पावोदएण पुणरवि मिलंति तह चेव पारयरसो व्वं / इच्छंता वि हु न मरंति कह वि हु ते नारयवराया // 122 / / 98