________________ // 24 // // 25 // // 26 // // 27 // एसो देवो एसो गुरू य धम्मो य एस न उ अन्नो / इय पडिवत्तिपराणं सम्मत्तं होइ सत्ताणं सम्मत्ताउ ण अन्नो बंधू व पिया व होज्ज जीवाणं / नो मित्तं न निहाणं ण पिहाणं नरयदारस्स एगम्मि वि सम्मत्ते लद्धे लब्भंति सयलसोक्खाई। चिंतामणिम्मि एगम्मि चेव जह चिंतियफलाई इह जीवियमरणाणं अमयविसाणं जह किल विरोहो / तह सम्मत्तगुणाणं वियाण मिच्छत्तदोसाणं ता मिच्छत्तपवित्तिं तिविहं तिविहेण जावजीवाए / सुविणे वि मा कुणिज्जसु सुंदरगुणहाणिसंजणणि धन्ना पाविति इमं धन्नयरा पावियं पि पालेंति / तत्तो विय धन्नतमा निययफलेणं फलावेंति पीऊसपाणसरिसो एसुवएसो मणे परिणयम्मि / एयम्मि कुभावविसं विसमं पि समं पवज्जेइ रयणत्तयकुलयमिणं रइयं मुणिचंदसूरिणा सम्म / भव्वा भावेंता पुण कम्मक्खयहेउसंपत्ता // 28 // // 29 // // 30 // // 31 // सिरिसोमसुंदरसूरिविरइयं .. // गुणानुरागकुलकम् // सयलकल्लाणनिलयं, नमिऊण तित्थनाहपयकमलं / परगुणगहणसरूवं, भणामि सोहग्गसिरिजणयं उत्तम गुणाणुराओ, निवसइ हिययम्मि जस्स पुरिसस्स। 'आतित्थयरपयाओ, न दुल्लहा तस्स रिद्धीओ // 1 // // 2 //