________________ चंदकिरणुज्जलाई चिंतामणिकामधेणुसरिसाई / - पंच वि महव्वयाई सुविणे वि ण जेसिं खलियाइं // 12 // सेवियगुरुकुलवासा सम्मं विनायपवयणरहस्सा / एसणगवसणासु य जे दढमारूढपरिणामा * // 13 // जे जीवियमरणेसुं लाभालाभेसु सुक्खदुक्खेसु / पूयापूयासु तहा नो विसममणा मणागं पि / // 14 // जे दूसमावसेण वि पायं पडिखलियसुयणसीलेण / दोसदुमवारिणा दारुणेण नो निहयमाहप्पा // 15 // जेसि सीलंगाई सुरनरसिवसोक्खसाहणंगाई. / नो पावियभंगाई कहिं चि हयमयणरंगाई // 16 // कारुनपुनहियया दक्खिन्नमहोयही महासत्ता / जे साहुणो तए च्चिय हवंति गुरुणो गुणिजणाणं // 17 // जेसिमकल्लाणाइं निहणं पत्ताई जेसि सुहरिद्धी / सन्निहिया तेहि इमे गुरुणो परियाणिया होंति // 18 // जत्थ दया जीवाणं जत्थ जिणो देवया गुरू गुणिणो / सो च्चिय धम्मो धम्मियजणाण धम्मो त्ति पडिहाइ // 19 // एगो तत्थ गिहीणं अन्नो साहूण तत्थ गिहिधम्मो / पूया जिणाण दाणं मुणीण निम्महियमोहाणं // 20 // साहम्मियजणपीई गुरुजणसुस्सूसणं सुनिउणं च / दूरमणुव्वयसुद्धी बुद्धी सज्झायझाणेसु // 21 // नयसारो ववहारो उदारभावेण दीणदाणाई / कज्जाणं च विवज्जणमइसावज्जाण दूरेणं // 22 // पाणिवहाईयाणं पावट्ठाणाण जावजीवं पि। .. . जं सव्वहा विवज्जणमेसो धम्मो जईण पुणो . . // 23 // द