________________ // 10 // // 11 // // 12 // // 14 // // 15 // ता अज्ज वि आरंभा फुरंति निरवग्गहा जणाण मणे / जाव जममुग्गदंडं चिंताविसयं न ते नेति होज्जा जस्स जमेणं सह मेत्ती जो हवेज्ज अमरो वा। जुज्जेज्ज तस्स वोत्तुं कल्लम्मि इमं करिस्सामि समजाइवओरूवे मच्चुहए जंतुणो नियंतो वि / उव्विज्जइ जं न जणो तं नृणं वज्जमयहियओ पउरजराकेसरभासुरेण गुरुरोगकाणणगएणं / मच्चुहरिणा जणोऽयं समंतओ पाविओ तासं तम्हा बुहो पभाए पडिबुद्धो निच्चमेव चिंतेज्जा / अज्ज विओगो रोगो मरणं वा किं पि नो पडिही जह पिप्पलजललग्गो जलबिंदू पवणताडिओ न थिरो / तह जीवियं जियाणं अणेयवसणाउलं जाण कत्थ गया रायाणो सगराई सबलवाहणा जेसि / अज्ज वि इमा मही किर विओगसक्खित्तणं वहइ एवं सच्छंदचरे मच्चुम्मि चलेसु जोव्वणधणेसु / कत्थ इमो पडिबंधं परिणइपिच्छी जणो कुणइ ? इय तियसिंदसहस्सा चक्कहराईण सयसहस्साई / दीव व्व वाउंणा पार्वियाइ कालेण निहणपयं मच्चुमणागयकाले वि संपयं चिय उवट्ठियं जाण / जम्हा इमो. वि कालो तव पुव्वमणागओ आसि जंपि कुणंतो जीवो जायइ सुहसंगओ तयं चेव / कजं समायरंतो कालवसा दुक्खिओ होइ णइपूरे पडियाणं दारूण समागमो जहा होइ / / तत्तो पुणो विओगो इय जीवाणं पि संसारे // 16 // // 17 // // 18 // // 19 // . // 20 // 0 // 21 // 73