________________ // 32 // सो चिय जए सुजाओ सो च्चिय संपन्नपत्थियत्थो य / नीसेसगुणसमग्गो सिवमग्गो जेण संपत्तो // 31 // तुब्भे उवएसाऽमयमेयं पाऊण सयलमुणिचंदा ! / होउमजरामरपयं जह लहह तहा जएज्जाह पू.आ.श्रीमुनिचन्द्रसूरिविरचितम् ॥शोकनिवारणकुलकम् // सुहभावणावसाओ सोयपिसाओ सुहेण जस्स तया। वसमुवगओ स वीरो सुरगिरिधीरो चिरं जयउ . // 1 // सोयानलकलियाणं जियाण परिगलियमणविवेगाणं / णवजलहरजलसरिसं उवएसं किंपि जंपेमि // 2 // पिच्छह दिणराईओ आउय(य)मे पुणोयं पुणो घित्तुं / जंति नईओ इव नो कहिं वि पुण पडिनियत्तंति // 3 // अणुसमयमयं देहो खज्जंतो नज्जए न केणावि / आमघडो व्व जलगओ दीसइ सहसा परं भिन्नो // 4 // सइ सन्निहियावाओ काओ वसणाण संपयाउ पयं / सवियोगा संयोगा सव्वमहो भंगुरसरूवं // 5 // जम्मि दिणे किर जीवो गब्भे संकमइ तद्दिणप्पभिई / अखलियपयाणमेसो मच्चुसमीवे समल्लियइ वज्झट्ठाणाभिमुहं जह वज्झो जाइ नियपएहिं तहा। जमसन्निहाणमेसो जाइ जणो कालगलणेणं नियमत्थओवरिगयं जइ मच्चुं पेच्छई इमो लोगो। तो नाहारे वि रुई करेज्ज किमकज्जकरणम्मि? // 8 // मरमाणे य सुए तह बंधू अन्ने वि पाणिणो नियई। ही परिसुन्नमणो कह ण जणो मच्चुं विचितेइ ? ' // 9 // 2